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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने दिवाली से पहले देश के किसानों के लिए एक बड़ी सौगात का ऐलान किया है। रबी फसलों की बुवाई शुरू होने से पहले सरकार सीजन की प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की घोषणा कर दी गई है। सूत्रों ने बताया कि बुधवार को होने वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में चालू फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) की आगामी रबी सीजन की फसलों का एमएसपी बढ़ाने पर फैसला किया गया। कैबिनेट में गेहूं की एमएसपी में 85 रुपये और बाजरा की एमएसपी में 85 रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला ले लिया गया है। कैबिनेट के फैसले के बाद गेहूं का समर्थन मूल्य 1,840 रुपये से बढ़कर 1,925 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी बढ़ाने के फैसले से सरकार के ऊपर अतिरिक्त 3,000 करोड़ रुपये का बोझ आएगा।

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) द्वारा रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की सिफारिश किए जाने के बाद काफी समय से इसकी घोषणा का इंतजार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, सीएसीपी ने चालू रबी सीजन में गेहूं का एमएसपी बढ़ाकर 1,925 रुपये, जौ का 1,525 रुपये, सरसों का 4,425 रुपये, चना का 4,825 रुपये, मसूर का 4,800 रुपये और कुसुम का 5,215 रुपये प्रति कुंटल करने की सिफारिश की थी।

पिछले सीजन 2018-19 में गेहूं का एमएसपी 1,840 रुपये, जौ का 1,440 रुपये, चना का 4,620 रुपये, मसूर का 4,475 रुपये, सरसों का 4,200 रुपये और कुसुम का 4,945 रुपये प्रति कुंटल था। इस प्रकार गेहूं और जौ के एमएसपी में 85 रुपये प्रति कुंटल, जबकि चना, मसूर, सरसों और कुसुम के एमएसपी में क्रमश: 205 रुपये, 325 रुपये, 225 रुपये और 270 रुपये प्रति कुंटल की वृद्धि की सिफारिश की गई है।

बताया जा रहा है कि हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर रबी फसलों के एमएसपी की घोषणा में विलंब हुआ। दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों में कई सीटों पर उपचुनावों के लिए सोमवार को मतदान संपन्न हुआ। मतों की गिनती 24 अक्टूबर को होगी।

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