नई दिल्ली: देश का राजकोषीय घाटा सितंबर महीने के अंत तक चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान के करीब 93 प्रतिशत के बराबर पर पहुंच गया। बृहस्पतिवार को जारी सरकारी आंकड़ों में इसकी जानकारी दी गयी। पिछले वित्त वर्ष में यह सितंबर अंत तक बजट अनुमान के 95.30 प्रतिशत पर था। महालेखानियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर की स्थिति के अनुसार राजकोषीय घाटा (सरकार के खर्च और राजस्व के बीच की खाई) 6,51,554 करोड़ रुपये था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 7.03 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान व्यक्त किया है। सरकार का लक्ष्य राजकोषीय घाटा को सकल घरेलू उत्पाद के 3.30 प्रतिशत पर सीमित रखने का है।
आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से सितंबर के दौरान राजस्व संग्रह बजट अनुमान का 41.60 प्रतिशत रहा। पिछले वित्त वर्ष में समान अवधि में यह 40.10 प्रतिशत रहा था। इस दौरान 8,16,467 करोड़ रुपये के राजस्व का संग्रह हुआ। पूरे वित्त वर्ष में 19.62 लाख करोड़ रुपये का राजस्व जमा होने का अनुमान है।
इस दौरान कुल पूंजीगत खर्च बजट अनुमान का 55.5 प्रतिशत रहा, जो पिछले वित्त वर्ष में 54.20 प्रतिशत रहा था। कुल खर्च बजट अनुमान का 53.40 प्रतिशत यानी 14.88 लाख करोड़ रुपये रहा। सरकार ने आम बजट में पूरे वित्त वर्ष में कुल खर्च 27.86 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान व्यक्त किया है।