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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के वक्त सरकारी बैंकों का सबसे खराब दौर चला था। न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक व्याख्यान देते हुए वित्त मंत्री ने यह बात कही। विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स द्वारा आयोजित इस व्याख्यान में बोलते हुए सीतारमण ने कहा सरकारी बैंकों को जीवन रेखा देना उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

करती हूं राजन, मनमोहन की इज्जत

वित्त मंत्री ने कहा कि मैं रघुराम राजन की एक महान शिक्षक के तौर पर और पूर्व प्रधानमंत्री की बड़ी इज्जत करती हूं। उन्होंने ऐसे वक्त में आरबीआई की जिम्मेदारी संभाली थी, जब भारतीय अर्थव्यवस्था अपने सबसे खुशहाल दौर में थी। लेकिन राजन और मनमोहन सिंह के वक्त ही बैंक केवल नेताओं का एक फोन आने के बाद लोन दे देते थे। उस लोन की भरपाई आज तक नहीं हो पाई है, जिसके कारण सरकार को बैंकों में पैसा देना पड़ रहा है, ताकि वो सही ढंग से चल सके। उस वक्त जो हो रहा था, उसकी जानकारी सिवाय उनके किसी को भी नहीं थी।

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने एक बार फिर से भारत की वित्त वर्ष 2019-20 में रहने वाली विकास दर के लिए अनुमान घटा दिया है। आईएमएफ के ताजा अनुमान के मुताबिक भारत की जीडीपी इस साल 6.1 फीसदी की रफ्तार से ग्रोथ करेगी। इससे पहले अप्रैल में इसके 7.3 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था। इससे पहले सितंबर में आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक विकास दर सात फीसदी रहने की उम्मीद जताई थी। इसमें 0.30 फीसदी की कटौती की गई थी।

इस संदर्भ में आईएमएफ ने कहा है कि कॉरपोरेट और रेग्युलेटरी अनिश्चितताओं और कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं की कमजोरी के कारण भारत की आर्थिक विकास दर अनुमान से अधिक कमजोर हुई। छह साल के निचले स्तर पर विकास दर सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जून की तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर छह साल के सबसे निचले स्तर पर पांच फीसदी पर पहुंच गई। पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा आठ फीसदी था।

नई दिल्ली: अमेरिका और यूरोप के बाजारों में मांग घटने से मौजूदा वर्ष के सितंबर में भारतीय निर्यात 6.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 26.03 अरब डालर रह गया है जबकि इससे पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह आंकडा 27.87 अरब डालर था। सरकार के मंगलवार को यहां जारी आंकडों में कहा गया है कि अगस्त 2019 में भारतीय नियार्त 26.13 अरब डालर था। चालू वित्त वर्ष में सितंबर तक नियार्त 2.39 घटकर 159.57 अरब डालर रह गया है जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में 163.48 अरब डालर का निर्यात किया गया था।

सितंबर 2019 में कुल आयात 13.85 प्रतिशत घटकर 36.89 अरब डालर दर्ज किया गया है जबकि सितंबर 2018 में यह आंकडा 42.82 अरब डालर था। चालू वित्त वर्ष में सितंबर 2019 तक कुल आयात 7.01 प्रतिशत गिरकर 243. 28 अरब डालर रह गया है। इससे पिछले वित्त वर्ष में सितंबर 2018 तक कुल आयात 261. 63 अरब डालर रहा था। आंकडों के अनुसार अप्रैल से अगस्त 2019 में सेवा और माल का कुल निर्यात अनुमानित 1.93 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 267. 21 अरब डालर हो गया है। इसी अवधि में कुल आयात 3.15 प्रतिशत घटकर 312.16 अरब डालर रह गया है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह की कंपनियों और निदेशकों की अटैच संपत्ति के तेजी से निपटारे के लिए धातु कबाड़ व्यापार निगम (एमएसटीसी) को उसकी नीलामी करने का निर्देश दिया है। साथ ही नीलामी से मिली रकम को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करवाने को कहा है। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने कहा कि संपत्तियों की नीलामी से मिले धन से अटके हुए प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने और घर खरीदारों का भरोसा लौटाने में मदद मिलेगी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त रिसीवर वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमाणी के सुझावों को पीठ ने स्वीकार कर लिया। शीर्ष अदालत ने ऋण वसूली ट्रिब्यूनल को अटैच संपत्तियों के कागजात एमएसटीसी के सुपुर्द करने को कहा है।

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा राज्य हाउसिंग बोर्ड को रजिस्ट्री में 34 करोड़ रुपये जमा करवाने का निर्देश दिया है, जिसे आम्रपाली समूह ने आवासीय परिसर विकसित करने के लिए दिया था। पीठ ने कहा कि आम्रपाली द्वारा जमा करवाए गए किसी पैसे को जब्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह खरीदारों का धन है, जिसमें कंपनी ने हेराफेरी की थी।

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