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बेंगलुरु: आईटी जगत की हस्ती नंदन निलेकणी ने आज ऐसे भविष्य की बात की जिसमें सरकार बुनियादी ढांचा खड़ा करे और निजी कंपनियां नवोन्मेषी समाधानों के लिए इसका इस्तेमाल करें। वे यहां लीगलडेस्क डॉट काम के एक कार्य्रकम को संबोधित कर रहे थे। फर्म ने इस अवसर पर ‘ईसाइनडेस्क’ फीचर शुरू किया। इस फीचर के तहत किसी पक्ष के शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं होने पर भी दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर लिए जा सकेंगे। निलेकणी ने जिक्र किया कि इंटरनेट व जीपीएस का विकास अमेरिकी सरकार ने किया और अब इसका इस्तेमाल निजी कंपनियां जनसेवाओं के लिए कर रही हैं। निलेकणी ने कहा कि सरकारों को बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी विकसित करनी चाहिए क्योंकि इसमें बड़े निवेश की जरूरत होती है। उसके बाद लोग उस पर एप्लीकेशन विकसित कर सकते हैं। निलेकणी ने कहा,‘ किसी भी समाज में नवोन्मेष को बढावा देने का यही क्लासिक तरीका है।’ आधार, सीसीए व नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन आफ इंडिया का ज्रिक करते हुए निलेकणी ने कहा कि भारत में बदलाव पहले से ही हो रहा है।

नई दिल्ली: भारत की सेवा क्षेत्र के कारोबार में उल्लेखनीय बढ़ोतरी के संकेत हैं। एक मासिक सर्वे के अनुसार कंपनियों के नए ऑर्डर बढने और कीमतों में कमी से देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि जुलाई में 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी। उम्मीद है कि बाजार के ऐसे रूझानों के मद्देनजर आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन अगले सप्ताह द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर कम कर सकते हैं। सेवाओं की कीमत में कमी किए जाने से स्पष्ट है कि मुद्रास्फीतिक दबाव कम हुआ है। पर रोजगार सृजन भी हल्का ही चल रहा है। इससे आरबीआई गवर्नर के लिए वृद्धि को प्रोत्साहन करने के संबंध में ब्याज दरों में कटौती के रूप में उपहार देने की गुंजाइश बनती है। मासिक आधार पर जारी किए जाने वाला निक्केइ इंडिया सेवा कारोबार गतिविधि सूचकांक जुलाई में बढ़कर 51.9 पर पहुंच गया जो जून में 50.3 के स्तर पर था। सर्वेक्षण का आकलन करने वाली संस्था मार्ट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा, ‘भारतीय सेवा क्षेत्र गतिविधियों की दूसरी छमाही की शुरूआत ठोस आधार पर हुई।’ विनिर्माण उत्पादन में वृद्धि के बीच मौसमी आधार पर समायोजित निक्केइ इंडिया मिश्रित पीएमआई उत्पादन सूचकांक भी तीन महीने के उच्चतम स्तर 52.4 पर पहुंच गया, जो जून में 51.1 पर था। सूचकांक का 50 से उपर रहना वृद्धि जबकि इससे नीचे रहना संकुचन का संकेतक है।

मुंबई: रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को कहा कि देश का खराब बुनियादी ढांचा सरकार के महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ कार्य्रकम में ‘सबसे बड़ी बाधा’ है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के ऋण विश्लेषक अभिषेक डांगरा ने संवाददाताओं से कहा,‘ सरकार के महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया कार्य्रकम में बुनियादी ढांचा सबसे बड़ी बाधा है।’ कुछ अनुमानों के अनुसार बुनियादी ढांचे में कमी के कारण जीडीपी के पांच प्रतिशत तक का नुकसान हो रहा है और इसमें सुधार से निर्यात प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि चीन भी बुनियादी ढांचे के मोर्चे पर समस्याओं का सामना कर रहा है। उन्होंने का बुनियादी ढांचे में लगाए जाने वाले हर एक रपये परिणामी प्रभाव होता है और इससे जीडीपी को दो रपये की मदद मिलती है।

नई दिल्ली: देश में आर्थिक सुधार के लिए उठाए गए सबसे बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा जीएसटी विधेयक राज्यसभा में निर्विरोध पारित हो गया। जीएसटी बिल के समर्थन में जहां 203 वोट पड़े. हालांकि इस बीच अनाद्रमुक सांसद वोटिंग से ठीक पहले वॉकआउट कर गए। इस बिल के अगले साल 1 अप्रैल से लागू होने की उम्मीद है। इससे पहले राज्यसभा में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी बिल पेश किया। इसे पेश करते समय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि संसद में जीएसटी को 2006 में पहली बार रखा गया था। राज्‍यों की वित्‍त मंत्रियों की कमेटी ने अपने सुझाव दिए। सिलेक्‍ट कमेटी के कुछ सुझावों को शामिल किया गया है। पूरे देश में एक टैक्‍स सिस्‍टम होगा. जीएसटी से भारत एक समान मार्केट में बदल जाएगा, सभी पार्टियों से बात की गई, कई तरह के सुझाव दिए गए। सहमति बनाने की पूरी कोशिश की गई. जीएसटी से पूरे देश में बड़ा बदलाव आएगा। पूर्व वित्‍त मंत्री पी. चिदंबरम ने बहस में हिस्‍सा लेते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने माना कि यूपीए के समय पहली बार बिल आया था। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस ने जीएसटी के आइडिया का कभी विरोध नहीं किया। 2014 में भी बिल का विरोध किया गया था। हमने विपक्ष का साथ लेकर पास कराने की पूरी कोशिश की। यहां तक पहुंचने में 11 साल लगे। सरकार विपक्ष की मदद के बिना पास कराने की कोशिश में थी। चिदंबरम ने कहा कि अगर वित्‍त मंत्री जेटली इसे अच्‍छी तरह से देखें , वे पायेंगे कि इसमें ढीली-ढाली ड्राफ्टिंग है।

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