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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

वॉशिंगटन: एक निष्पक्ष अमेरिकी थिंक टैंक के नये सर्वेक्षण में हिलेरी क्लिंटन को रिपब्लिकन पार्टी के उनके विरोधी डोनाल्ड ट्रम्प पर नौ अंकों की बढ़त मिली है। वहीं दस में से करीब चार वोटरों का कहना है कि दोनों के बीच चयन करना मुश्किल है क्योंकि उनमें से कोई भी अच्छा अमेरिकी राष्ट्रपति साबित नहीं होगा। प्यू रिसर्च सेंटर ने अपने नवीनतम सर्वेक्षण में कहा कि 51 प्रतिशत लोगों ने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की संभावित उम्मीदवार हिलेरी का समर्थन किया जबकि 42 प्रतिशत ने रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार ट्रम्प की तरफ झुकाव दिखाया। 'दोनों में से कई योग्य नहीं' सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि उम्मीदवारों को लेकर लोगों की संतुष्टि पिछले दो दशकों में सबसे निचले स्तर पर है। इस समय दोनों दलों में पंजीकृत आधे से भी कम वोटरों, डेमोक्रेटिक पार्टी के 43 और रिपब्लिकन पार्टी के 40 प्रतिशत वोटरों ने कहा कि वे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के विकल्प से संतुष्ट हैं। हर दस में से करीब चार वोटरों (41 प्रतिशत) ने कहा कि दोनों के बीच चयन करना मुश्किल है क्योंकि उनमें से कोई भी अच्छा राष्ट्रपति साबित नहीं होगा। केवल 11 प्रतिशत ने कहा कि दोनों हीं राष्ट्रपति पद के लिए सही होंगे और इसलिए उनके लिए एक का चयन करना मुश्किल है।

वाशिंगटन: अमेरिका के टेक्सास के डलास शहर में पुलिस द्वारा अश्वेत लोगों पर की गई घातक गोलीबारी के विरोध में प्रदर्शन के दौरान अचानक स्निपर्स के हमले में 5 पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई। जबकि इस हमले में सात अन्य अधिकारी घायल हो गए। बताया जा रहा है कि ये स्निपर्स सेना की वर्दी में प्रदर्शनकारियों के बीच शामिल हो गए थे। अमेरिकी इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब इतनी संख्या में पुलिस अधिकारियों की हत्या कर दी गई हो। गोलीबारी शहर के उस पुराने इलाके में हुई जो होटलों और रेस्तरांओं से भरा है। डलास पुलिस प्रमुख डेविड ब्राउन ने बताया कि दो स्निपर्स ने कुछ ऊंचाई से घात लगाकर हमला करने के अंदाज में गोलीबारी की। उन्होंने कहा कि सैकड़ों लोगों की शांतिपूर्ण रैली में हिंसा भड़कने के कुछ घंटे बाद अमेरिकी राज्य टेक्सास के डलास में पुलिस गैराज में एक संदिग्ध के साथ बातचीत कर रही थी। ब्राउन ने कहा कि संदिग्ध लगभग एक घंटे तक पुलिस के साथ गोलीबारी करता रहा और वह बातचीत में सहयोग नहीं कर रहा था। उन्होंने कहा कि गतिरोध को समाप्त करने के लिए कोशिश जारी है। पुलिस प्रमुख के अनुसार, संदिग्धों ने व्यस्त इलाके में बम लगे होने की धमकी दी। उन्होंने यह भी बताया कि उनका विभाग संघीय एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहा है। एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान ब्राउन ने कहा कि संदिग्ध ने वार्ताकारों को बताया है कि अंत आ रहा है और वह हममें से और अधिक लोगों को यानी कानून प्रवर्तन से जुड़े लोगों को- चोट पहुंचाने वाला और मारने वाला है।

ढाका: बांग्लादेश के उत्तर में आज (गुरूवार) ईद की नमाज के सबसे बड़े कार्यक्रम के नजदीक हुए बम विस्फोट में कम से कम एक पुलिसकर्मी मारा गया और छह अन्य घायल हो गए । पुलिस ने बताया कि बम विस्फोट किशोरगंज जिले के शोलाकिया में ईद की नमाज के लिए एकत्र हुए जनसमूह के करीब हुआ । वहां कम से कम दो लाख लोग एकत्र हुए थे। विस्फोट स्थल पर पुलिस के साथ गोलीबारी में एक संदिग्ध हमलावर के मारे जाने की भी खबर है । क्षेत्र के आसपास की सड़कों की घेराबंदी कर दी गई है। पुलिस ने बताया कि एक कांस्टेबल मारा गया और कम से कम छह अन्य घायल हुए हैं । यह घटना ढाका में पिछले हफ्ते हुए सबसे भीषण आतंकी हमले में 20 से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद हुई है । इस हमले में मरने वालों में एक भारतीय लड़की सहित ज्यादातर विदेशी नागरिक थे ।

बीजिंग: चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख समाचारपत्र ने आज (बुधवार) अमेरिका को चेतावनी दी कि यदि उसने दक्षिण चीन सागर को लेकर विवाद में हस्तक्षेप करके चीन के मूलभूत पहलू को पार किया तो उसे एक कीमत चुकानी होगी। समाचारपत्र ‘द पीपुल्स डेली’ में प्रकाशित संपादकीय ऐसे समय आया है जब चीन ने फिलीपीन की ओर से अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण में दायर मामले में फैसला आने से पहले अपने रूख पर जोर देने का प्रयास तेज कर दिया है। फिलीपीन ने यह मामला दक्षिण चीन सागर के अधिकतर हिस्सों पर चीन के दावे को चुनौती देते हुए दायर किया है। चीन हेग स्थित अदालत में दायर मामले का बहिष्कार कर रहा है और कह रहा है कि वह फैसले को स्वीकार नहीं करेगा। समाचारपत्र ने कहा कि द्विपक्षीय संबंध और क्षेत्रीय स्थिरता दांव पर है और अमेरिका को यह समझना चाहिए कि ‘प्रत्येक मुद्दे का एक मूलभूत पहलू होता है और उस पहलू को पार करने की कीमत चुकानी होगी।’ संपादकीय में कहा गया है, ‘यदि अमेरिका कीमत की परवाह किये बिना खतरनाक स्थिति की नीति को आगे बढ़ाता है तो एक ही परिणाम होगा, वह यह होगा कि दक्षिण चीन सागर में तनाव संभावित रूप से और बढ़ने की पूरी जिम्मेदारी अमेरिका पर होगी।’ इसमें कहा गया है, ‘चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने को लेकर बेहद ठोस नीति रही है।

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