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बीजिंग: चीन ने आज कहा कि दलाई लामा को देश को बांटने का प्रयास अब बंद कर देना चाहिए और उनसे ‘उचित मार्ग’’ पर वापस लौटने को कहा। तिब्बती आध्यात्मिक नेता आज (बुधवार) 81 वर्ष के हुए हैं। तिब्बत मुद्दे के हल के रूप में तिब्बत को और स्वायतता देने की मध्यमार्गी नीति की वकालत करने वाली दलाई लामा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा, ‘दलाई लामा अलगाववादी गतिविधियों में शामिल रहे हैं।’ होंग ने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि दलाई लामा देश को बांटने का अपना प्रयास छोड़ देंगे और सही रास्ते पर वापस लौटना कभी देरी नहीं होती है।’ तिब्बत के मुद्दे पर पहले दलाई लामा से बात कर चुके चीनी अधिकारियों ने स्वायतता की मांग को अलगाववाद के षड्यंत्र के रूप में देखा था। हाल ही में चीनी अधिकारियों ने कहा था कि सभी तिब्बती प्रेफेक्चर्स को तिब्बती स्वायत क्षेत्र के साथ एकजुट करने और उसे और स्वायतता देने की दलाई लामा की मांग बीजिंग को स्वीकार्य नहीं है। पिछले पांच वर्षों में दोनों पक्षों में कोई बातचीत नहीं हुई है।

वॉशिंगटन: हिलेरी क्लिंटन के प्रचार अभियान दल ने रिपब्लिकन पार्टी के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की ओर से इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की तारीफ किए जाने की आलोचना की है और कहा है कि ऐसी टिप्पणियां ‘दर्शाती हैं कि बतौर राष्ट्रपति वह कितने खतरनाक होंगे।’ उत्तरी कैरोलीना में एक चुनावी रैली के दौरान ट्रंप की ओर से सद्दाम की तारीफ किए जाने के बाद हिलेरी के प्रचार अभियान के जेक सुलीवान ने एक बयान में कहा, ‘क्रूर दबंगों की तारीफ की डोनाल्ड ट्रंप की कोई सीमा नहीं है।’ उन्होंने कहा कि ट्रंप ने ‘चीन द्वारा तियानानमेन चौक जनसंहार में दिखाई गई सख्ती की तारीफ की, किम जोंग उन द्वारा उत्तर कोरिया में घातक ढंग से शक्ति के केन्द्रीकरण की सराहना की और वह लगातार व्लादिमीर पुतिन की तारीफ करते आए हैं।’ सुलीवान ने कहा, ‘आज रात, ट्रंप ने एकबार फिर सद्दाम हुसैन को आतंकियों का महान हत्यारा बताते हुए उसकी तारीफ की है। ट्रंप ने इस बात को अपनी ओर से एक तरह से मंजूरी भी दी कि सद्दाम किसी को भी उसके अधिकारों के बारे में पढ़ने नहीं देता था।’ सुलीवान ने कहा, ‘ट्रंप की ओर से क्रूर तानाशाहों के बारे में बेपरवाह ढंग से की गई तारीफें और इतिहास से उनके द्वारा सीखे गए विकृत सबक एक बार फिर यह दिखाते हैं कि वह कमांडर इन चीफ के रूप में कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं और वह इस पद के लिए कितने अयोग्य हैं।’

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हिलेरी क्लिंटन को अपना समर्थन देते हुए पूर्व विदेशमंत्री हिलेरी और रियल एस्टेट के दिग्गज डोनाल्ड ट्रंप के बीच राष्ट्रपति पद के मुकाबले को ‘भविष्य और काल्पनिक अतीत’ में से कोई विकल्प चुनने की कवायद बताया है। ओबामा ने कल उत्तरी केरोलीना के शेरलॉट में हिलेरी के समर्थन में पहली बार प्रचार रैली में शिरकत की। उन्होंने कहा, ‘हमारे सामने यह विकल्प है कि हम किसी काल्पनिक अतीत को चुनते हैं या भविष्य तक पहुंचते हैं?’ ओबामा ने हिलेरी के हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इस नवंबर में, इन चुनावों में, आपको एक स्पष्ट चयन करना है - आपका यह चयन दो मूलभूत तरीके से विभिन्नता रखने वाले नजरियों के बीच होगा कि अमेरिका को किस ओर जाना चाहिए। यह वास्तव में वाम या दक्षिण या फिर डेमोक्रेट या रिपब्लिक के बीच का चयन नहीं है।’ उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए आठ नवंबर को होने वाले चुनाव में पूर्व विदेश मंत्री का समर्थन करने की अपील देशवासियों से करते हुए कहा, ‘यह चयन इस बात को लेकर है कि हम कैसा अमेरिका चाहते हैं- जो सबके लिए काम करे या फिर जो चुनिंदा लोगों के लिए ही काम करे।’ ओबामा ने अपने संबोधन में इस बात का जिक्र नहीं किया कि एफबीआई ने हिलेरी के खिलाफ आरोपपत्र न लाने का फैसला किया है।

ह्यूस्टन: नासा का सौर-ऊर्जा से संचालित अंतरिक्षयान जूनो पृथ्वी से प्रक्षेपण के पांच साल बाद आज बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश कर गया। इस उपलब्धि को ग्रहों के राजा और हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति की उत्पत्ति और विकास को समझने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अमेरिका में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जश्न के माहौल के बीच ही, जूनो के बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश कर जाने की सूचना मिलने पर नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में इस अभियान के नियंत्रक खुशी से झूम उठे। 35 मिनट तक ईंजन के प्रज्वलन के बाद यह यान ग्रह के चारों ओर बनी तय कक्षा में प्रवेश कर गया। इस अभियान की लागत 1.1 अरब डॉलर है। जूनो अपने साथ नौ वैज्ञानिक उपकरण लेकर गया है। जूनो बृहस्पति की ठोस सतह के अस्तित्व का अध्ययन करेगा, ग्रह के बेहद शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र को मापेगा, गहरे वातावरण में मौजूद जल और अमोनिया की मात्रा नापेगा और इसकी सुबहों का विश्लेषण करेगा। नासा ने कहा कि यह अभियान बड़े ग्रहों के निर्माण और सौरमंडल के बाकी ग्रहों को एक साथ रखने में इनकी भूमिका को समझने में एक बड़ा कदम उठाने में हमारी मदद करेगा। बृहस्पति बड़े ग्रह के रूप में हमारे सामने एक प्रमुख उदाहरण है। वह अन्य नक्षत्रों के आसपास खोजे जा रहे अन्य ग्रह तंत्रों को समझने के लिए भी अहम जानकारी उपलब्ध करवा सकता है।

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