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इस्लामाबाद: पाकिस्तान में कश्मीर को शामिल करने के बारे में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बयान को ‘खयाली पुलाव’ करार देते हुए पाकिस्तान के एक जाने माने दैनिक ने रविवार को कहा कि ऐसे बयानों से देश एवं कश्मीरी लोगों के लिए और मुश्किलें खड़ी होंगी। डेली टाईम्स ने अपने संपादकीय में कहा, ‘वोट पाने के खातिर अवास्तविक दावे करना और लोकप्रिय जुमलों को दोहराना नेताओं के लिए परिपाटी बन गयी है। पाकिस्तान में कश्मीर के विलय की बात करना आसान है लेकिन कोई नहीं जानता कि यह कैसे होगा।’ यह अखबार शरीफ के हाल के इस बयान का जिक्र कर रहा था कि पाकिस्तान उस दिन की बाट जोह रहा है जब कश्मीर उसका हिस्सा बनेगा। प्रधानमंत्री के बयान को ‘राग अलापने’ जैसा करार देते हुए इस अखबार ने कहा कि नेता बस लोगों का समर्थन पाने के लिए ऐसे बयान देते हें और लोग ऐसी मानसिकता के खातिर झेलते रहते हैं। उसने कहा, ‘कश्मीर पर पाकिस्तान का आधिकारिक रुख यह है कि यह वह कश्मीरियों के आजादी के संघर्ष का पूरा नैतिक समर्थन करता है और हर मंच पर उनके आत्मनिर्णय के अधिकार के पक्ष में अपनी आवाज उठाता रहेगा।

बीजिंग: चीन में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से तकरीबन 225 लोगों की मौत हो गई या वे लापता हैं, वहीं मध्य हुबेई प्रांत में अब भी लगभग ढाई लाख लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं। हुबेई प्रांत में तिआनमेन नगर की सरकार ने बताया कि 18 से 20 जुलाई के बीच लगातार हुई मूसलाधार बारिश की वजह से 6.80 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और 10 शहर जलमग्न हो गए हैं। सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने खबर दी है कि बचाव कार्य के लिए 500 से ज्यादा सैनिक, 1,000 लोग और 62 स्पीडबोट भेजी गई हैं, जबकि नदी के किनारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10,000 से अधिक लोगों को भेजा गया है। हुबेई प्रांत में कम से कम 114 लोगों की मौत हो चुकी है और 111 अन्य लापता हैं। स्थानीय प्रशासन ने करीब 3.10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।बाढ़ और बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुआ जिसकी वजह से 52,900 घर ढह गए जबकि 155,000 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस प्राकृतिक आपदा में 700,000 हेक्टेयर से ज्यादा की फसल तबाह हो गई, जिससे अर्थव्यस्था को सीधे 2.4 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है।बाढ़ से शिन्गताई शहर का दाशिआन गांव सर्वाधिक प्रभावित हुआ है जो बुधवार को बाढ़ आने बाद जलमग्न हो गया था। इसके बाद गांव लगभग खाली हो चुका है। यहां कम से कम आठ ग्रामीणों की मौत हुई है और एक लापता है। एक ग्रामीण झांग एरकिआंग ने बताया, ‘मैंने देर रात करीब ढाई बजे लोगों को ‘बाढ़’ चिल्लाते हुए सुना।

इस्तांबुल: तुर्की ने राष्ट्रपति रेचप तैयब अर्दोगान के खिलाफ विफल तख्तापलट में हिस्सा लेने वाले संदिग्धों के खिलाफ आज व्यापक कार्रवाई को आगे बढाते हुए लोगों को हिरासत में रखने के संबंधी पुलिस के अधिकारों में इजाफा किया एवं 1000 से अधिक निजी विद्यालयों को बंद कर दिया। बागी सैनिकों द्वारा बंदूकों, टैंकों और एफ-16 की मदद से राष्ट्रपति को अपदस्थ करने की कोशिश के एक हफ्ते बाद अर्दोगान सरकार ने सरकार के दुश्मन समझे जाने वाले हजारों लोगों को पकड़ा या बर्खास्त कर दिया जिनमें उनके अंकारा महल की रखवाली करने वाले करीब 300 अधिकारी भी हैं। लेकिन इस जबर्दस्त कार्रवाई की वैश्विक आलोचना पर अपनी पहली रिहाई में तुर्की ने 1200 सैनिकों को रिहा कर दिया। आपातकाल के तीसरे दिन घोषित सरकारी गजट के हिसाब से पुलिस के अधिकारों में वृद्धि के तहत संदिग्ध अब बिना आरोप के चार दिनों के बजाय एक महीने तक हिरासत में रखे जा सकते हैं। अर्दोगान ने कहा है कि तीन महीने का आपातकाल होगा। हालांकि इस डर से कि राजनीतिक रूप से मजबूत अर्दोगान अपने शासन को और मजबूत बनायें और उत्पीड़न के माध्यम से असंतोष के स्वर को कुचलेंगे, पश्चिमी नाटो सहयोगियों के साथ तुर्की के संबंध तनावपूर्ण हो गये हैं और यूरोपीय संघ में शामिल होने की उसकी लंबित कोशिश पर अनिश्चितता के बादल गहरा गए है।

वॉशिंगटन: डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने अपने प्रतिद्वंदी डोनाल्ड ट्रंप के क्लीवलैंड सम्मेलन में दिए भाषण को ‘निराशावादी और विभाजनात्मक सोच’ वाला करार दिया। क्लिंटन ने कहा कि ट्रंप ने बहुत सारा गुस्सा और डर तो दिखाया लेकिन जितनी भी बातें उन्होंने कही उनका कोई हल नहीं बताया। फ्लोरिडा के टम्पा में एक चुनावी रैली के दौरान क्लिंटन ने कहा, ‘मैंने डोनाल्ड ट्रंप के निराशावादी और विभाजनकारी विचारों के बारे में सुना। लेकिन बीती रात का उनका भाषण तो कहीं ज्यादा आगे बढ़ गया। उन्होंने बहुत सारा डर, गुस्सा और नाराजगी बताई लेकिन जो भी बातें वह कर रहे थे उनके बारे में कोई हल पेश नहीं किया।’ क्लिंटन ने अमेरिकी जनता से अपील करते हुए कहा कि ट्रंप ने गुरुवार रात को क्लीवलैंड सम्मेलन में अमेरिका के भविष्य को लेकर जो ‘निराशावादी और विभाजनकारी’ दृष्टिकोण पेश किया है, वे उसे अस्वीकार कर दें। क्लिंटन ने ट्रंप के उस दावे पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका पतन की ओर है और केवल वे ही इसका समाधान निकाल सकते हैं। क्लिंटन ने कहा कि अमेरिकी समस्या का हल खुद निकालने में सक्षम हैं और वे दीवारें खड़ी नहीं करते बल्कि सेतु बनाते हैं। 68 वर्षीय क्लिंटन ने कहा, ‘रोजगार को लेकर उनकी कोई योजना नहीं है। वे लोगों को सुरक्षित करने की बात करते हैं लेकिन ऐसी कोई योजना नहीं बताते जिससे हमारी पुलिस की मदद मिले।

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