वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के शासकीय आदेश को वापस लेने की किसी संभावना से इंकार करते हुए इस मुकदमे को जीतने का विश्वास जताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह यात्रा प्रतिबंध बड़े कानूनी परीक्षण का सामना कर रहा है। टम्पा से एंड्रयूज वायु सैन्य अड्डे तक के लिए ट्रंप के साथ एयर फोर्स वन में यात्रा कर रहे पत्रकारों से व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा कि कानून साफ तौर पर राष्ट्रपति के साथ है। संविधान राष्ट्रपति के साथ है। हमारी जनता की सुरक्षा के लिए जो कुछ हमारे देश के हित में है, उसके बारे में राष्ट्रपति एक व्यापक समझ रखते हैं। हमें यकीन है कि इस मामले में जीत हमारी होगी। अंतिम निर्णय से पहले अपीली अदालत ने दोनों पक्षों को अदालत के सामने अपना पक्ष दायर करने को कहा है। शुक्रवार को एक संघीय न्यायाधीश ने यात्रा प्रतिबंध पर अस्थायी रोक लगा दी थी। अमेरिकी सरकार ने इस प्रतिबंध का बचाव करते हुए इसे राष्ट्रपति के अधिकार का वैध उपयोग बताया है। अदालत आज शाम को इस मामले की सुनवाई करेगी। हालांकि स्पाइसर ने शासकीय आदेश को वापस लेने की किसी संभावना से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि शासकीय आदेश अमेरिका के लोगों के सर्वोच्च हित के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की पहली प्राथमिकता देश के लोगों की सुरक्षा करना है।
राष्ट्रपति ने प्रतिबंध को सही बताते हुए मीडिया पर आतंकवाद की चुनौतियों को तवज्जो नहीं देने का आरोप लगाया। ट्रंप ने कहा कि कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादी हमारी धरती पर हमला करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं जैसा कि उन्होंने 9/11 में भी किया था, जैसा कि उन्होंने पूरे यूरोप में किया है। कई मामलों में यह बेईमान मीडिया इन घटनाओं की खबर ही नहीं देना चाहता। राष्ट्रपति के मीडिया पर किए गए हमले का बचाव करते हुए व्हाइट हाउस ने 78 आतंकवादी हमलों की सूची जारी कि है जिसकी रिपोर्टिंग मीडिया के द्वारा कम की गई।