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नई दिल्ली: यूक्रेन पर रूसी हमलों के बीच भारत स्थित रूसी दूतावास ने एलान किया है कि मास्को आज भारतीय समयानुसार दोपहर 12.30 बजे नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए मानवीय गलियारा खोलेगा और इस दौरान संर्घष विराम करेगा। इसमें पूर्वोत्तर यूक्रेन के सुमी शहर के गलियारे भी शामिल हैं, जहां करीब 600 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं और बार-बार प्रयास करने के बावजूद नहीं निकल पा रहे हैं।

सुमी में खोलेगा मानवीय गलियारा

रूस ने कहा कि वह यूक्रेन के अधीन वाले इलाकों में मंगलवार को 0700 जीएमटी से मानवीय गलियारे खोलेगा। यूक्रेन ने पहले खार्किव, कीव, मारियुपोल और सुमी शहरों से मानवीय गलियारों के लिए एक रूसी प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, क्योंकि उसके कई मार्ग सीधे रूस या उसके सहयोगी बेलारूस में जाते थे।

रूस के हमले के बाद यूक्रेन में बिगड़ते हालात पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में चिंता जताते हुए भारत ने कहा था कि आगामी मानवीय संकट पर तत्काल और त्वरित ध्यान देने की जरूरत है।

वाशिंगटन: अमेरिका के एक पूर्व शीर्ष राजनयिक ने सांसदों से कहा कि भारत की रूस को लेकर कुछ मजबूरियां हैं और उसके पड़ोसी देश चीन के साथ क्षेत्र को लेकर मुद्दे हैं। उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रमण पर संयुक्त राष्ट्र में कई बार मतदान से भारत के दूर रहने पर सांसदों के सवालों के जवाब में यह टिप्पणियां कीं। ‘यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल' (यूएसआईबीसी) के अध्यक्ष अतुल केशप ने कहा, ‘‘भारत की रूस के साथ मजबूरियां हैं, उनकी अपने पड़ोस में चीन के साथ क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर मजबूरियां हैं। मुझे लगता है कि अमेरिकियों के तौर पर हमारी भारतीयों के प्रति उनके लोकतंत्र और उनकी व्यवस्था के बहुलवाद को लेकर आत्मीयता है।''

विदेश मंत्रालय में कई पदों पर काम कर चुके केशप ने सदन की विदेश मामलों की समिति द्वारा हिंद-प्रशांत पर आयोजित कांग्रेस की सुनवाई के दौरान यह कहा। कांग्रेस सदस्य अबिगैल स्पैनबर्जर ने पूछा कि आपको क्या लगता है कि भारत रूस और रूसी हितों पर दुनिया भर में कई देशों द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंधों को लागू करने का कैसे प्रयास करेगा?''

कीव: यूक्रेन पर रूस के हमले के लगभग दो सप्ताह बाद भी यूक्रेनी सैनिक बलों ने रूसी सेना को आगे बढ़ने से रोक रखा है। यूक्रेन की इस कामयाबी की पश्चिमी देश प्रशंसा कर रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि संख्यात्मक रूप से रूस की सेना यूक्रेन से कई गुना बेहतर है, बावजूद इसके रूस के खिलाफ यूक्रेन ने राष्ट्रीय एकता की भावना, दुश्मन से लड़ने की अच्छी तैयारी और रूसी गलतियों के कारण उन्हें आगे बढ़ने नहीं दे रही।

हालांकि, भविष्य अस्पष्ट बना हुआ है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बार-बार कहा है कि वह अपने और अपने लक्ष्यों के बीच कुछ भी आड़े आने नहीं देंगे। एक वरिष्ठ फ्रांसीसी सैन्य सूत्र ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, "वे (रूसी) मूल रूप से बहुत तेजी से आगे नहीं बढ़ रहे हैं। किसी बिंदु पर उन्हें फिर से संगठित करना होगा, लेकिन यह उनकी विफलता का संकेत नहीं है।"

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसे क्या कारण और तरीके हैं, जिसकी वजह से यूक्रेन ने रूसी सैनिकों की प्रगति को रोक रखा है?

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध आज (मंगलवार) 13वें दिन में प्रवेश कर गया. संघर्ष के बीच दोनों देश के वार्ताकारों ने सोमवार को बातचीत की। मीडिया रिर्पोटस में यूक्रेन के एक वार्ताकार के हवाले से कहा कि बेलारूस में रूस-यूक्रेन की तीसरे दौर की बैठक के "सकारात्मक नतीजे" दिखे। हालांकि, एक रूसी वार्ताकार ने कहा कि यूक्रेन के साथ वार्ता बातचीत में जिन चीजों की उम्मीदें थीं, वो फिलहाल "पूरी नहीं हुई" हैं।

रूस-उक्रेन युद्ध से जुड़ी अहम जानकारियां:-

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को आरोप लगाया कि रूसी सैनिक ह्यूमैनिटेरियन कॉरिडोर के जरिए युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे नागरिकों को निकालने से रोक रहे हैं। ह्यूमैनिटेरियन कॉरिडोर को लेकर वार्ता में दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी। जेलेंस्की ने टेलीग्राम पर पोस्ट किए एक वीडियो में कहा, "ह्यूमैनिटेरियन कॉरिडोर को लेकर समझौता हुआ था। क्या इस समझौते ने काम किया? रूसी टैंक, रूसी रॉकेट लॉन्चर, रूसी खदानें अपनी जगह पर काम रही हैं।"

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