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लखनऊ: मुस्लिमों का एक शीर्ष संगठन सुन्नी वक्फ बोर्ड उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अध्योया में मस्जिद के लिए आवंटित पांच एकड़ जमीन को स्वीकार करेगा। बोर्ड ने तय किया है कि एक ट्रस्ट गठित करके इस जमीन पर मस्जिद के साथ-साथ इंडो इस्लामिक सभ्यता का रिसर्च सेंटर और चेरिटेबल अस्पताल बनाया जाएगा। सुन्नी वक्फ बोर्ड की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया हैं।

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूखी ने कहा, "इस जमीन पर मस्जिद के साथ एक ऐसा केंद्र स्थापित किया जाएगा जो सदियों की इंडो इस्लामिक सभ्यता को प्रदर्शित करेगा।" उन्होंने कहा कि यह जमीन बाबरी मस्जिद की जगह पर दी गई है इसलिए बोर्ड यहां मस्जिद बनवाने के साथ-साथ चेरिटेबल अस्पताल, सार्वजनिक पुस्तकालय एवं समाज के हर वर्ग की उपयोगिता की अन्य सुविधा की व्यवस्था करेगा। ​जिस तरह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाया गया, उसी तरह यहां इन सब चीजों को बनाने के लिए भी जल्द ही एक ट्रस्ट का गठन किया जाएगा। यह ट्रस्ट ही इन कामों को अमली जामा पहनाएगा और इनकी निगरानी करेगा।

फारूखी ने बताया कि ट्रस्ट के गठन की आधिकारिक घोषणा होने के बाद ट्रस्ट के नाम, स्वरूप और सदस्यों के बारे में घोषणा की जाएगी।

उल्लेखनीय है पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला में कहा था कि हिंदू और मुस्लिम दोनों इस जमीन पर दावा कर रहे हैं उस पर रामलला का पूरा स्वामित है। इसके साथ ही कोर्ट ने मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को किसी दूसरी प्रमुख जगह पर पांच एकड़ जमीन देने के आदेश दिए थे। इसके बाद सरकार ने राम मंदिर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट स्थापित करने का आदेश दिया था।

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