वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे के आखिरी दिन आज शिक्षामित्रों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। शहंशाहपुर में आयोजित मोदी की सभा में उनके भाषण के दौरान आंदोलनकारियों ने नौकरी की मांग को लेकर नारे लगाये और हंगामा किया। सभा समाप्त होने के बाद पुलिस ने इस मामले में 37 लोगों को मौके पर चिन्हित कर बाद में गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अमित कुमार ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री के शहंशाहपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान शांति भंग करने के आरोप में यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
मोदी के भाषण शुरू होते ही बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष शिक्षामित्र आंदोलनकारी समारोह मंच के ठीक सामने बने पत्रकार दीर्घा में आ गये। उन्होंने अपने हाथों में कागज पर लिखे मांग पत्र लेकर मोदी के सामने उसे लहराते हुए जोर-जोर से नारे लगाने लगे। यह देखकर मौके पर मौजूद अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए आन दोलनकारियों को बार-बार समझा कर शांत करने की कोशिशें की, लेकिन उनका गुस्सा कम नहीं हुआ।
पत्रकार दीर्घा के ठीक पीछे की दर्शक दीर्घा में पहले से ही सैकड़ों की संख्या में बैठे शिक्षामित्र आ गए थे। वे भी अपने साथियों के साथ जोर-जोर नारे लगाने लगे। इस तरह से मोदी का आधा भाषण हंगामे की भेंट चढ गया और आगे की कुर्सियों पर बैठे लोग प्रधानमंत्री के भाषण को ठीक प्रकार से नहीं सुन सके।
मोदी से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री महेंद्र नाथ पांडेय के भाषणों के दौरान भी शिक्षा मित्रों ने अपनी मांगों को लेकर नारे लगाये और हंगामा किया।