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चमोली (जनादेश ब्यूरो): बीते रविवार आई जल प्रलय के एक हफ्ते बाद रविवार को तपोवन जल विद्युत परियोजना की सुरंग समेत पूरे आपदा प्रभावित इलाके से 54 शव मिले हैं। इनमें से विद्युत परियोजना की सुरंग में से पांच, ऋषि गंगा जल विद्युत परियोजना स्थल के आसपास छह, रैणी गांव में मलबे में एक और एक शव रुद्रप्रयाग में अलकनंदा किनारे से मिला। आज नौवें दिन भी तपोवन सुरंग तथा रैणी क्षेत्र में सर्च अभियान जारी है। सुरंग से मलबा हटाने का कार्य भी जारी है। आपदा में लापता 206 लोगों में से अबतक 54 शव बरामद हुए हैं। अभी भी 151 लापता हैं।

चमोली पुलिस का कहना है कि आज अभी तक सुरंग से तीन शव बरामद किए जा चुके हैं। अब मृतकों की कुल संख्या 54 हो गई है। वहीं अभी तक जोशीमठ पुलिस थाने में 179 लापता लोगों के नाम रजिस्टर किए गए हैं। वहीं, अब तक कुल 55 परिजनों के डीएन सैम्पल शवों की शिनाख्त में सहायता के लिए गए हैं। सुरंग के अंदर आज भी मलबा हटाने का कार्य जारी है। आज सोमवार को तपोवन सुरंंग से दो और शव बरामद हुए हैं। अब सुरंग से आठ शव निकाले जा चुके हैं।

 

एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि अब तक सुरंग से आठ शव निकाले जा चुके हैं। आपॅरेशन अभी भी जारी है। हम 24 घंटे काम कर रहे हैं। 

उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकाें में दो दिन आज और कल बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है। फिलहाल चमोली जिले सहित तपोवन में मौसम साफ है।

पुलिस और प्रशासन ने अब तक मिले कुल 53 शवों में से 32 शवों और 11 मानव अंगों का अंतिम संस्कार कराया है।

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) का कहना है कि तपोवन सुरंंग सहित आपदाग्रस्त क्षेत्रों से अब तक कुल 53 शव बरामद हाे चुके हैं। जोशीमठ, चमोली में तपोवन सुरंग पर बचाव अभियान जारी है।

बीते रविवार आई जल प्रलय के एक हफ्ते बाद रविवार को तपोवन जल विद्युत परियोजना की सुरंग समेत पूरे आपदा प्रभावित इलाके से 13 शव मिले थे। इनमें से विद्युत परियोजना की सुरंग में से पांच, ऋषि गंगा जल विद्युत परियोजना स्थल के आसपास छह, रैणी गांव में मलबे में एक और एक शव रुद्रप्रयाग में अलकनंदा किनारे से मिला।

सात फरवरी को ऋषि गंगा में आई बाढ़ के बाद 35 लोग तपोवन सुरंग में फंस गए थे, जबकि बैराज, ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना स्थल व अन्य नदी किनारे सैकड़ों लोग मलबे में दब गए थे। तब से सुरंग और आसपास लापता लोगों की खोज की जा रही है। सुरंग से डंपर के जरिए मलबा बाहर लाया जा रहा है। 

 

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