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बंगलूरू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन पहले ही कर्नाटक सरकार द्वारा किसानों का ऋण माफ करने को किसानों के साथ क्रूर मजाक करार दिया था। अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने पीएम को जवाब देते हुए उनके बयान को असंवेदनशील और तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास तैयार आंकड़े हैं और सभी जानकारी ऑनलाइन मौजूद है। उनका कहना है, "हमारी फसल ऋण माफी एक खुली किताब है और जानकारी ऑनलाइन मौजूद है, सभी राज्यों की तरह। राज्य सरकार करदाताओं के पैसों को सावधानी से संभाल रही है ताकि वह असल लाभकर्ताओं तक पहुंच सके... किसान।"

बता दें पीएम मोदी ने कर्नाटक के भाजपा बूथ कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की थी। उसी दौरान उन्होंने राज्य में किसानों की ऋण माफी को किसानों के साथ मजाक करार दिया था। उन्होंने एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि मई से लेकर अभी तक केवल 800 किसानों को ही फायदा पहुंचा है।

पीएम मोदी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, "किसान अपनी ओर ध्यान चाहते हैं लेकिन सत्ता में बैठे लोग अहंकार में फंसे हैं। आम आदमी विकास चाहता है लेकिन जो लोग सत्ता में बैठे हैं वो केवल एक वंश का विकास चाहते हैं। लोग भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण चाहते हैं, लेकिन राज्य सरकार विकास मुक्त भ्रष्टाचार चाहती है।"

वहीं राज्य सरकार का दावा है कि 60 हजार किसानों को फायदा पहुंचा है। उनके बैंक खातों में सीधे 350 करोड़ रुपये पहुंचे हैं। अगले हफ्ते तक एक लाख किसानों को इलेक्ट्रोनिक ट्रांसफर के जरिए 400 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। कुमारस्वामी का कहना है, "सहकारिता क्षेत्र से सभी बिचौलिए सामप्त कर दिए गए हैं। अन्य राज्यों ने भी हमारे काम करने के तरीके में रुचि दिखाई है, जिसमें आधार की जानकारी, भूमि रिकॉर्ड का इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणीकरण और राशन कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जिसे छूट मिलनी चाहिए उसी किसान को मिले।"

कुमारस्वामी ने केंद्र सरकार की आलोचना भी की कि उन्होंने दिल्ली के किसान आंदोलन को गंभीरता से नहीं लिया और राज्य द्वारा ऋण माफी का मजाक उड़ाया। हाल ही में पीएम मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस द्वारा तीन राज्यों में किसानों की ऋण माफी को उन्हें भटकाने वाला बताया और कहा कि वह किसानों के लिए लॉलीपॉप है।

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