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हैदराबाद: हैदराबाद ब्लास्ट केस में एनआईए की विशेष अदालत ने सोमवार को इंडियन मुजाहिदीन के यासीन भटकल सहित पांच आतंकवादियों को फांसी की सजा सुनाई। हैदराबाद में फरवरी 2013 में ब्लास्ट हुआ था जिसमें 18 लोग मारे गए और 131 लोग घायल हुए थे। अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल, पाकिस्तानी नागरिक जिया उर रहमान तथा तीन अन्य को मौत की सजा सुनाई। इससे पहले प्रतिबंधित इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों की पहली बार दोषसिद्धि के तहत विशेष एनआईए अदालत ने गत मंगलवार को मोहम्मद अहमद सिद्दीबापा उर्फ यासीन भटकल और चार अन्य को दिलसुखनगर में 2013 में हुए दोहरे बम धमाकों में संलिप्तता के लिए दोषी ठहराया। इन धमाकों में 18 लोगों की जान गई थी। विशेष एनआईए अदालत ने भटकल और अन्य को आईपीसी, शस्त्र अधिनियम, गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया। भटकल के अलावा उत्तर प्रदेश के असदुल्ला अख्तर, पाकिस्तान के जिया-उर-रहमान उर्फ वकास, बिहार के तहसीन अख्तर और महाराष्ट्र के एजाज शेख को दोषी ठहराया गया। कथित मुख्य षड्यंत्रकारी रियाज भटकल अब भी फरार है। ऐसा माना जाता है कि वह कराची से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहा है। हमले से जुड़े मामले में अंतिम दलीलें पिछले महीने समाप्त हुई थीं। इस दौरान 157 गवाहों का परीक्षण किया गया था। मामले में मुकदमा पिछले साल 24 अगस्त को शुरू हुआ था।

21 फरवरी 2013 को किए गए हमले में 18 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 131 अन्य घायल हुए थे। एनआईए महानिदेशक शरद कुमार ने कहा, ‘जांच दल ने शानदार जांच की जिसमें सभी साक्ष्यों का गहनता से परीक्षण किया गया। इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों की पहली बार दोषसिद्धि हुई है।’ कुमार ने कहा, ‘हम अपराधियों के लिए अधिकतम सजा की मांग करेंगे।’ अपने आरोप पत्र में एनआईए ने दावा किया था कि इंडियन मुजाहिदीन ने भारत के खिलाफ जंग छेड़ने की साजिश रची थी और लोगों के मन में डर पैदा करने और संगठन की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए हैदराबाद में बम विस्फोट किए थे।

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