जम्मू: मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बजट भाषण में सदन व प्रदेश की जनता को सच का सामना करा दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सरकार के पास इतने पैसे नहीं कि सबको नि:शुल्क बिजली दे सकें। यहां तक कि बजट में भी इतना प्रविधान नहीं कि 24 घंटे बिजली दी जा सके। उन्होंने यह भी साफ संकेत दे दिया कि फिलहाल यह भी स्थिति नहीं कि बिजली आपूर्ति बढ़ाने के लिए नया प्लांट ला सकें। ऐसे में हमें विवशता में कटौती करनी पड़ रही है। उमर विधानसभा में बजट अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।
महंगाई पर कोई असर नहीं होगा: सीएम उमर अब्दुल्ला
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर जरूरत के अनुसार हमारे पास पैसा होता तो हम अपनी बिजली परियोजनाएं भी हाथ में लेकर उन सब पर काम शुरू नहीं करवा सकते। उन्होंने कहा कि जो विधायक कहते हैं कि बजट निराशावादी है, उन्हें कहना चाहता हूं कि यह वास्तविकता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हम लोगों की जरूरत के अनुसार भी सामाजिक योजनाओं में पैसा नहीं बढ़ा सके।
उन्होंने कहा, विधायकों के पर्याप्त वेतन और उनकी गाड़ी में पेट्रोल के लिए पूरे पैसे नहीं है।
सीएम ने कहा कि हमने हवा में बात नहीं की। सामाजिक योजनाओं की घोषणा यह सोचकर की कि महंगाई का बोझ न हो। सज्जाद साहब ने पूछा था कि इससे महंगाई बढ़ेगी, मेरा कहना है कि महंगाई पर कोई असर नहीं होगा।
70 हजार करोड़ वेतन पर, 35 हजार करोड़ का कैपेक्स बजट
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, वित्त मंत्री ने जम्मू-कश्मीर की मदद की तो क्या मैं शर्मसार हो जाऊं। मदद के लिए मैं शुक्रगुजार हूं। इस पर भाजपा विधायकों ने मेज थपथपाई तो उमर ने कहा अब यह भी मेज थपथपाएंगे। हम आत्मनिर्भर नहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने भाजपा से कहा कि आपके पहले बजट में भी तो ऐसा ही था। हमारे पास 35 हजार करोड़ रुपये का कैपेक्स बजट है। 70 हजार करोड़ रुपये वेतन देना होता है। क्या कोई कंपनी 35 हजार करोड़ का सामान बेचने के लिए कर्मचारियों को 70 हजार करोड़ रुपये दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि हमें केंद्र से मदद लेनी पड़ती है। तभी हम बिजली, पर्यटन, उद्योग जैसे क्षेत्रों को चिह्नित कर रहे हैं ताकि आत्मनिर्भर बनें। भले न बनें, लेकिन शुरुआत तो कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के बजट का बोझ केंद्र पर पड़ता है। यह आज से नहीं है।
यह भी बोले मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने सभी वादे पूरे करेंगे, लेकिन यह कभी नहीं कहा कि पहले ही बजट में सब पूरा हो जाएगा। जैसे-जैसे सरकार आगे बढ़ेगी हम अपने सभी वादे पूरे करेंगे। हमने पहले बजट में सबसे गरीब लोगों की मदद की है।
केंद्रीय योजनाओं में सभी पैसा केंद्र से नहीं आता है। पीएम गोल्ड कार्ड में केंद्र से सिर्फ बीपीएल के लिए प्रविधान है, लेकिन शेष 18 लाख परिवारों को प्रदेश सरकार ही देती है। शिक्षा विभाग के 28 हजार कर्मचारियों को नियमित करने का वेतन भी यहीं से देते हैं।
पूछा- महिलाओं को नि:शुल्क बस सेवा देना क्या केंद्र प्रायोजित योजना है। किश्तवाड़ की विधायक विरोध कर रही हैं कि उनके यहां सिर्फ एक ही बस चलती है। इसमें उनकी क्या गलती? 10 वर्ष से प्रदेश और केद्र में आपकी डबल इंजन सरकार थी। हम आने वाले दिनों में बसों की संख्या बढ़ाएंगे।
वर्षों बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर का बजट विधानसभा में पेश किया गया। अच्छा है कि इसमें खामियों, कमजोरियां की चर्चा विधानसभा में हो रही है, ससंद में नहीं।
गरीबों के लिए मुफ्त बिजली की घोषणा की थी
नेकां ने चुनाव घोषणापत्र में सबके लिए 200 यूनिट बिजली देने का वादा किया था। अब सरकार ने अपने पहले ही बजट में गरीब परिवारों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा कर दी।
साथ ही महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की भी घोषणा की गई है। विपक्ष सरकार को घेर रहा है कि सबको मुफ्त बिजली देने का वादा था, कुछ लोगों को ही क्यों। वहीं सरकार खजाने की स्थिति बता किनारा कर रही है।
'मनकोटिया साहब... क्रिकेट के मैदान में फुटबाल खेलने लगे'
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट पर बहस में विपक्ष से बलवंत मनकोटिया सुनील गावस्कर की तरह ओपनिंग करने आए। वह उतरे थे क्रिकेट के मैदान में, लेकिन खेलने लगे फुटबाल। बजट पर चर्चा में उन्होंने उपराज्यपाल के अभिभाषण पर भाषण दे डाला। बजट पर पांच मिनट ही बोले, बाकी सब सियासी बातें।
उन्होंने कहा कि मुझे पता चला कि मेरे (उपराज्यपाल के अभिभाषण पर) जवाब से मुख्य विपक्षी दल की यहां से दिल्ली तक खिंचाई हुई कि आपने उन्हें घेरा नहीं। मनकोटिया ने अनुच्छेद 370, महाराजा साहब, डोगरा रूल, 13 जुलाई पर भाषण दिया, बजट पर नहीं।
...प्रदेश के लोगों के लिए इसी तरह लिखते रहेंगे लव लेटर
उमर ने कहा कि मैं कुछ कहता हूं तो कुछ साथी कहते हैं कि भाजपा को लव लेटर है। यह बजट भाषण भी लव लेटर है। अब मैं फूंक-फूंककर बोलता हूं। यह बजट भाजपा ही नहीं, पीडीपी, कांग्रेस, पीपुल्स कान्फ्रेंस सहित सभी राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम लोगों को लव लेटर ही है।
सीएम ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को बेइंतहा प्यार करता हूं। अगले पांच वर्ष में इसी तरह के लव लेटर लिखकर उन्हें कुछ न कुछ देता रहूंगा। सभी हमारी तुलना दिल्ली सरकार से करते हैं, लेकिन याद करिए अरविंद केजरीवाल ने जब पहले बजट लाने की कोशिश की तो उसी सरकार के अधिकारियों ने अखबारों में केजरीवाल के खिलाफ विज्ञापन दिए थे।