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चंडीगढ़ः पंजाब के कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक राणा गुरजीत सिंह और उनके परिवार से जुड़ी कुछ कंपनियों का नाम रेत खनन आवंटन की गड़बड़ियों में सामने आया है, जिसके कारण उन्होंने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा भेजा है।

पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरजीत सिंह के बेटे को मनी लॉड्रिंग के एक मामले में समन भेजा था। राणा गुरजीत सिंह का नाम प्रदेश के उन नेताओं में शुमार हैं जिनका सीधा कनेक्शन सीएम अमरिंदर सिंह हैं। अमरिंदर के साथ राजनीतिक संबंधों के साथ-साथ गुरजीत के पारिवारिक संबंध भी काफी अच्छे बताए जाते हैं।

माना जाता है कि वर्ष 2017 में विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद अमरिंदर ने राणा गुरजीत सिंह को संबंधों के कारण ही उन्हें ऊर्चा और सिंचाई मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया था।

क्या है पूरा मामला

कुछ महीनों पहले पंजाब में कई जगहों पर रेत खदानों की नीलामी हुई थी। इस दौरान राणा पर आरोप लगा था कि उन्होंने मनमाने तरीके से अपनी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए रेत खदानों की नीलामी की है। राणा पर आरोप लगने के बाद उन्हें विपक्ष के तीखे हमलों का सामना करना पड़ा था। बता दें कि आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुखपाल खैरा कई कार्यक्रमों में राणा और कैप्टन सरकार को इसके लिए निशाना बनाते नजर आते हैं।

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