कोलकाता: बंगाल में तमलुक लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय ने इस महीने की शुरुआत में अपने खिलाफ दायर एक एफआइआर को चुनौती देते हुए सोमवार को उसी अदालत की एकल-न्यायाधीश पीठ का दरवाजा खटखटाया जहां वो पहले कभी जज थे। न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल-न्यायाधीश पीठ ने याचिका स्वीकार कर ली है। मामले की मंगलवार को सुनवाई होगी।
एफआइआर रद करने की मांग
अपनी याचिका में कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने एफआइआर रद करने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे उनके चुनाव प्रचार में बाधा हो सकती है। 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के एक वर्ग ने भाजपा नेता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
इसके बाद पांच मई को आईपीसी और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न गैर-जमानती धाराओं के तहत तमलुक थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी। शिकायत करने वाले वो लोग हैं जिन्होंने हाई कोर्ट के आदेश के बाद अपनी नौकरी खो दी है।
जुलूस के बाद हुआ तनाव
शिकायत की जड़ तमलुक में भाजपा समर्थकों द्वारा निकाला गया जुलूस था, जब गंगोपाध्याय चार मई को एक उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल करने जा रहे थे।
जब जुलूस उस क्षेत्र से गुजरा, जहां कुछ बर्खास्त स्कूल कर्मचारी कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तो तनाव शुरू हो गया। एफआइआर दर्ज होने के तुरंत बाद गंगोपाध्याय ने कहा कि फर्जी आरोपों पर आधारित ऐसी एफआइआर काफी आम हैं और वह इसके परिणाम का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मैं देखना चाहता हूं कि जो लोग इस तरह के फर्जी आरोप लगा रहे हैं वे कब तक कानून के शिकंजे से बच सकते हैं।