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कोलकाता: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अभिषेक बनर्जी से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि तृणमूल नेता से तीन पालियों में पूछताछ हुई। अभिषेक ने सीबीआई के निजाम पैलेस कार्यालय के बाहर पत्रकारों से कहा कि यह पूछताछ उनके और सीबीआई अधिकारियों दोनों के लिए समय की बर्बादी थी, लेकिन 'जो कुछ पूछा गया उसमें उन्होंने सहयोग किया।'

टीएमसी नेता ने निजाम पैलेस से बाहर आने के बाद कहा, 'सीबीआई ने मुझसे साढ़े 9 घंटे पूछताछ की...पूछताछ करना उनके (सीबीआई अधिकारियों) और मेरे लिए भी समय की बर्बादी थी।'

उन्होंने दावा किया कि उन्हें बुलाए जाने का असली कारण यह था कि उन्होंने "दिल्ली के आकाओं का पालतू कुत्ता" बनने से इंकार कर दिया था और इसीलिए उन्हें ‘निशाना‘ बनाया गया है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के जो नेता झुकने को तैयार नहीं हैं, उन्हें परेशान किया जा रहा है, जबकि विभिन्न मामलों में संलिप्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को छोड़ दिया गया है।

अभिषेक ने कहा, 'सीबीआई ने मुझे कुंतल घोष के पत्र के आधार पर तलब किया, लेकिन शारदा घोटाला मामले में सीबीआई को लिखे मेरे पत्र में नामित नेताओं सुदीप्तो सेन को क्यों नहीं बुलाया गया?'

सेन शारदा चिटफंड घोटाले का मुख्य आरोपी है। कुछ साल इस घोटाले ने राज्य को हिला कर रख दिया था।

अभिषेक ने आरोप लगाया, 'एक व्यक्ति कैमरे में रिश्वत लेते पकड़ा गया, लेकिन सीबीआई ने उसे कभी समन नहीं भेजा क्योंकि वह भाजपा में शामिल हो गया है।'

टीएमसी नेता बनर्जी का नाम घोटाले में एक आरोपी कुंतल घोष द्वारा दायर की गई एक शिकायत में सामने आया था। घोष ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय एजेंसियां भर्ती घोटाले में उनका (अभिषेक बनर्जी का) नाम लेने का उन पर दबाव बना रही हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने सीबीआई कार्यालय में पूर्वाह्न 10 बजकर 58 मिनट पर प्रवेश किया और रात करीब आठ बजकर 40 मिनट पर बाहर आए।

उन्होंने कहा, 'मैं उन्हें (सीबीआई अधिकारियों को) दोष नहीं देता, क्योंकि वे भाजपा के आदेश पर काम कर रहे हैं। हालांकि, इस तरह का उत्पीड़न मुझे अपने जनसंपर्क अभियान को जारी रखने या भाजपा के साथ हमारी राजनीतिक लड़ाई को समाप्त करने से नहीं रोकेगा।'

अभिषेक से पूछताछ और इसमें भाजपा का हाथ होने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, 'सीबीआई जांच से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। अगर टीएमसी नेताओं के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो उन्हें पेशी के लिए बुलाए जाने और इस तरह के आरोप लगाने की इतनी चिंता क्यों है?'

अभिषेक ने कहा, 'मैं सीबीआई को चुनौती देता हूं कि अगर उनके पास मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत है, तो वह मुझे गिरफ्तार करे। वे पिछले कई साल से बंगाल में कई मामलों की जांच कर रहे हैं। अगर उनके पास मेरे खिलाफ कोई सबूत है तो उन्हें मुझे गिरफ्तार करना चाहिए।'

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोयले की अवैध खुदाई से जुड़े मामले में 2021 में राष्ट्रीय राजधानी में अपने कार्यालय में जबकि 2022 में कोलकाता में डायमंड हार्बर से टीएमसी के सांसद अभिषेक से पूछताछ की थी।

समझा जाता है कि सीबीआई अधिकारियों ने शनिवार को टीएमसी नेता से पूछा कि घोष ने यह आरोप क्यों लगाया कि उन पर दबाव डाला जा रहा है। माना जा रहा है कि अभिषेक ने कहा है कि उन्हें घोष के बयान की वजह नहीं पता है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने भतीजे से पूछताछ के बीच ट्वीट किया कि केंद्र के 'एजेंसी-राज' ने राज्य में शासन करने के उनके कामकाज को चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा, 'केंद्र की तानाशाह सरकार का एजेंसी-राज हमारे कामकाज को चुनौतीपूर्ण बना रहा है, लेकिन देश भर में लाखों लोग हमारे साथ हैं।'

टीएमसी नेता अभिषेक ने जांच एजेंसी के कार्यालय जाने से पहले सीबीआई को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करने के अपने फैसले की जानकारी दी। उच्च न्यायालय ने जांच एजेंसियों सीबीआई और ईडी को उनसे पूछताछ करने की अनुमति दी थी।

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