कोलकाता: 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के केन्द्र के निर्णय के खिलाफ 12 घंटे के बंद को लोगों से ठंडी प्रतिक्रिया मिलने पर वाम दल का चेहरा शर्म से लाल हो गया जिससे इसके चेयरमैन बिमान बोस ने स्वीकार कि इसके पीछे की ‘सोच’ गलत थी। उन्होंने विनम्रतापूर्वक पत्रकारों से कहा, ‘हमने सोचा कि लोग इस हड़ताल के पीछे का कारण समझेंगे। हमारी यह सोच गलत थी। हम इसे समझ चुके हैं। हम इससे भविष्य में सीख लेंगे। हम पार्टी की बैठकों में इस पर चर्चा करेंगे।’ हालांकि बोस ने इस बंद की विफलता के पीछे तर्क दिया कि इस बंद का आह्वान ‘बहुत कम समय’ में किया गया था। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि लोग अगले महीने समझेंगे कि हमने इस हड़ताल का आह्वान क्यों किया। बैंकों, एटीएम में पैसा नहीं है, इसलिए लोग आने वाले दिनों में अपना परिवार कैसे चलाएंगे। यह एक जटिल मुद्दा है जिसे लोग अपने निजी अनुभव से समझेंगे।’ इस बंद का आम जनजीवन पर कोई खास असर नहीं रहा क्योंकि सरकारी और निजी बसें, ट्राम और परिवहन के अन्य साधन आम दिनों की तरह सड़कों पर परिचालन में रहे, जबकि ज्यादातर दुकानें और बाजार खुले रहे।