कोलकाता: मोदी सरकार पर देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला कर देश की जनता को भिखारी बनाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि वह कल इस मुद्दे पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगी, भले ही अन्य दल उनके साथ जाएं या नहीं। ममता ने नई दिल्ली रवाना होने से पहले यहां हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘कल मैं नोटबंदी के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मिलूंगी। मैं अपने 40 सांसदों के साथ उनसे मिलने जाऊंगी। मैंने विभिन्न राजनीतिक दलों से बात की है। मैंने राहुल गांधी, नीतीश कुमार, नवीन पटनायक, मुलायम सिंह यादव और अरविंद केजरीवाल से बात की है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर वे मेरे साथ चलना चाहते हैं तो अच्छी बात है। अगर नहीं तो मैं अपने सांसदों के साथ ही जाऊंगी। नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला मेरे साथ आ सकते हैं।’ इस मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात को थोड़ा जल्दबाजी बताने वाले कुछ राजनीतिक दलों के बयानों के बारे में पूछे जाने पर ममता ने कहा, ‘यह उनकी मर्जी है। रोगी की मृत्यु से पहले आपको डॉक्टर को दिखाना होता है। रोगी के मर जाने के बाद डॉक्टर को बुलाने का कोई मतलब नहीं है। आपको अभी राष्ट्रपति से मिलना जरूरी है। मैं चाहती हूं कि सभी राजनीतिक दल राष्ट्रपति से मुलाकात करें।’ उन्होंने कहा, ‘मैं पीछे रहने को तैयार हूं। वे आगे रहें लेकिन उन्हें राष्ट्रपति से मिलना चाहिए।’
भाजपा के खिलाफ विपक्ष को इस मुद्दे पर एकजुट करने के ममता के प्रयासों को उस समय झटका लगा जब माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कल कहा था कि पार्टी देखना चाहेगी कि सरकार इस मुद्दे पर संसद में क्या रुख अपनाती है और किसका क्या रुख रहता है। ममता ने कहा, ‘हजारों इलाके ऐसे हैं जहां उचित बैंकिंग या डाकघर सुविधाएं नहीं हैं। वहां लोग क्या करेंगे। सरकार के इस कदम से देश की जनता भिखारी बन गयी है।’ इससे पहले मुख्यमंत्री ने बैंकों से रुपये निकालने वाले लोगों की उंगलियों पर न मिटने वाली स्याही लगाने के केन्द्र सरकार के फैसले की आज निंदा करते हुए कहा कि सरकार आम आदमी पर ‘विश्वास’ नहीं करती है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके कहा, ‘अमिट स्याही के साथ शुरू किया गया यह ‘काला तंत्र’ सरकार का हताशा भरा कदम है, जो दिखाता है कि यह सरकार आम लोगों पर विश्वास नहीं करती है।’ तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने आगे कहा, ‘19 नवंबर को उपचुनाव हैं। संभावित वोटरों की उंगलियों पर स्याही लगाने के बारे में चुनाव आयोग क्या कहेगा?’