कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुराने 500 और 1000 रुपए के नोट पर लगी रोक के खिलाफ शनिवार को केंद्र सरकार के खिलाफ 'मोर्चा' खोला। ममता बनर्जी ने सरकार के इस निर्णय को आम आदमी विरोधी बताते हुए सरकार से इस ‘काले’ राजनीतिक निर्णय को वापस लेने की मांग की। ममता ने कहा कहा, 'पूरे भारत में बाजार तबाह हो गया है और लोग दुखी हैं।' ममता ने कहा, 'हमारे और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) के बीच भले ही विचारधारा का मतभेद हो लेकिन देश को बचाने के लिए हम उसके, कांग्रेस, सपा और बसपा के साथ काम करने के लिए तैयार हैं।' ममता ने कहा कि बिना तैयारी के सरकार का यह कदम 'खतरनाक' है। मुख्यमंत्री ने कहा, 'लोगों की तकलीफें जानने के लिए मैं आज खुद कई बैंकों में गई। दो लाख से ज्यादा एटीएम बंद हैं, उनमें पैसे नहीं हैं। लोग काफी परेशानियों का सामना कर रहे हैं।' ममता ने केंद्र सरकार के इस कदम को गरीब विरोधी बताया और कहा कि इस 'काले' निर्णय से कुछ बिचौलियों को फायदा पहुंच रहा है। उन्होंने कहा, 'केवल 1 प्रतिशत लोगों के पास काला धन है तब अन्य 99 प्रतिशत लोगों को क्यों परेशान किया जा रहा है?' ममता ने कहा कि यह लोगों के साथ धोखा है। ममता ने कहा कि सरकार के इस फैसले से आम लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा, 'आधी रात में इस तरह का फैसला ले लिया गया लेकिन सत्ताधारी पार्टी के कुछ लोगों को इस बारे में जानकारी थी।'
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस ने 16 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया है। लोकसभा में टीएमसी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि उनकी पार्टी शीतकालीन सत्र के पहले दिन स्थगन प्रस्ताव लाएगी।