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कोलकाता: बदलते समय से कदमताल करते हुये बंगाल के हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने वाला 100 साल पुराने बंगाल होम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन अगले साल से ऑनलाइन शॉपिंग की सुविधा शुरू करने वाला है। ब्रिटिश राज में स्वदेशी सामानों को बढ़ावा देने के लिए बंगाल के देशभक्तों के एक समूह ने 1916 में भारतीय बुनकरों और कारीगरों के लिए इसे शुरू किया था। यह गांव के कारीगरों के बीच नेटवर्क के जरिए सूती, रेशमी, जूट, मिट्टी और लकड़ी के उत्पाद खरीदते और बेचते हैं। एसोसिएशन की मानद सचिव महुआ बोस ने बताया, ‘‘संस्थान का सिद्धांत ‘विलायती चीजों’ के खिलाफ ‘स्वेदशी’ उत्पादों को बढ़ावा देना है और यह स्व-सहायता समूहों से उत्पादों की खरीद द्वारा इन सभी वषरें में महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने का भी काम किया।’’ महुआ ने कहा कि ई-कॉमर्स के नये युग में शामिल होने के लिए संगठन का इस समय अपने उत्तम पीतल, तांबा, डोकरा, चंदन की लकड़ी के 20,000 सामानों की डिजिटल सूची तैयार की है। साथ ही अगले साल जनवरी से सूती, रेशम, जूट के कपड़े मिलने लगेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम भविष्य में अपनी खुद की ऑनलाइन शॉपिंग शुरू कर सकते हैं जो वर्तमान समय में जरूरी है।’’

जाने माने कलाकार ज्ञानेन्द्र नाथ टैगोर इस संगठन के पहले मानद सचिव थे और बर्धमान एवं कूचविहार राजघराने इसके संरक्षकों में शामिल रहे हैं।

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