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​पटना: बिहार विधान सभा चुनावों के नतीजों में 74 सीट जीतकर राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि नीतीश कुमार ही गठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री होंगे। इस पर कोई कन्फ्यूजन नहीं है। राज्य के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज कहा, "नीतीशजी मुख्यमंत्री बने रहेंगे क्योंकि यह हमारी प्रतिबद्धता थी। इस पर कोई भ्रम नहीं है।" उन्होंने कहा,"चुनावों में ऐसा होता है, कुछ अधिक सीटें जीतते हैं और कुछ कम जीतते हैं, लेकिन हम समान भागीदार हैं।"

नीतीश की पार्टी जेडीयू से अधिक सीटें जीतने के एक दिन बाद भाजपा तरफ से यह बयान आया है। इस बात की चर्चा चल रही थी कि क्या गठबंधन में बड़े भाई का दर्जा छिनने के बाद भी नीतीश कुमार गठबंधन के सीएम होंगे या नहीं? कई लोग इस पर सवाल उठा रहे थे, लेकिन भाजपा ने जवाब देकर सबका मुंह बंद करा दिया है। भाजपा ने अपने दम पर बिहार में कभी शासन नहीं किया है और नीतीश कुमार के बिना राज्य में सत्ता भी बरकरार नहीं रख सकी है। लेकिन इस बार के चुनावी नतीजों में भाजपा जेडीयू से बहुत आगे है।

सूत्रों का कहना है कि ऐसे में नीतीश कुमार के चौथे कार्यकाल में शक्ति संतुलन अलग होने की संभावना है।

243 सदस्यों वाली बिहार विधान सभा के चुनाव नतीजों में 75 सीटों के साथ राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि 74 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर रही है। नीतीश कुमार की पार्टी 43 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है। सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए को 125 सीटों के साथ बहुमत हासिल हुआ है। विपक्षी महागठबंधन 110 सीटें जीतने में कामयाब रहा है। दर्जन भर से ज्यादा सीटें हैं जहां हार-जीत का अंतर बहुत कम वोट रहे हैं। हिलसा में जेडीयू उम्मीदवार ने मात्र 12 वोटों से राजद उम्मीदवार पर जीत हासिल की है।

 

 

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