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पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

मुंबई (जनादेश ब्यूरो): महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल करने की समय सीमा खत्म हो गई है, लेकिन अभी भी करीब 12 सीटों पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सत्तारूढ़ गठबंधन ने अभी तक पांच सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों पर सहमति नहीं बनी है। वहीं विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए)- कांग्रेस, शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और राकांपा के शरद पवार गुट ने आधिकारिक तौर पर सात सीटों पर घटक दलों के उम्मीदवारों आमने सामने है। फिलहाल तक इन 12 सीटों पर दोस्ताना मुकाबले की स्थिति बनी हुई है।

बीजेपी ने अब तक 152 उम्मीदवार, एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 80, तो वहीं अजित पवार के गुट राकांपा ने 52 प्रत्याशी उतारे हैं। इसमें वे सीटें भी शामिल हैं, जो उन्होंने छोटे दलों को दी हैं। भाजपा ने चार और शिवसेना ने दो सीटें सहयोगी पार्टियों को दी है। वहीं एमवीए में कांग्रेस ने 103 उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट और शरद पवार की पार्टी के 87-87 सीटों पर कैंडिडेट मैदान में हैं।

शरद पवार ने मंगलवार दोपहर में कहा था कि जहां तक ​​उनकी पार्टी एनसीपी (शरदचंद्र पवार) का सवाल है, तो वो अंतिम संख्या 87 है। हालांकि 7 सीटों पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है।

हालांकि इनमें से कुछ सीटें छोटे सहयोगियों और समाजवादी पार्टी के पास जाने की बात कही जा रही है, लेकिन ये स्पष्ट नहीं है कि किसे क्या मिलेगा, या कितना मिला?

दोनों गठबंधन में सस्पेंस बरकरार

विपक्षी खेमे में हफ्तों तक चली खींचतान के बाद भी ये अभूतपूर्व स्थिति बनी हुई है। हालांकि सत्तारूढ़ गठबंधन, जिसने कमोबेश मामला सुलझा लिया था, उसने भी सस्पेंस को बढ़ने दिया।

कन्फ्यूजन की स्थिति के साथ-साथ नेताओं के बागी बनने और निर्दलीय नामांकन दाखिल करने के मामले भी तेजी से बढ़े हैं।

सबसे बड़ा मामला अजित पवार की एनसीपी के नवाब मलिक का था, जिन्होंने मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से दो नामांकन दाखिल किए। एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में और दूसरा एनसीपी प्रत्याशी के तौर पर, पार्टी ने पर्चा दाखिल करने की समय सीमा से कुछ ही मिनट पहले उनका समर्थन किया।

शिवसेना से चुनाव लड़ रही हैं साइना 

इधर बीजेपी प्रवक्ता शाइना एनसी शिवसेना के टिकट पर मुंबादेवी से चुनाव लड़ रही हैं। वहीं उनके नाम की घोषणा होने के बाद भी बीजेपी के नेता उस सीट से दावेदारी करते दिखे।

नामांकन के आख़िरी दिन बगावत और टिकट की जोड़तोड़

बोरीवली से बीजेपी के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी बाहरी नेता संजय उपाध्याय को उम्मीदवार बनाये जाने से नाराज होकर निर्दलीय लड़ रहे हैं। पार्टी के मनाने के बाद भी गोपाल शेट्टी ने गाजे बाजे के साथ आजाद उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भर दिया।

मुंबादेवी से बीजेपी के पूर्व विधायक अतुल शाह स्थानीय नेतृत्व की उपेक्षा का मुद्दा बनाकर शिवसेना शिंदे गुट की नेता साइना एनसी के खिलाफ मैदान में आ गए हैं।

अंधेरी पूर्व से शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट का टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए आजाद उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भर दिया है, जबकि अंधेरी पूर्व से शिवसेना ने बीजेपी के नेता मुरजी पटेल को टिकट दे दिया।

नासिक के नांदगाव से छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल ने टिकट नहीं मिलने पर महायुति के घटक दल शिंदे शिवसेना के उम्मीदवार सुहास कांदे के खिलाफ ही पर्चा भर दिया।

दादर में एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी की कोशिश थी कि अमित के खिलाफ स्थानीय विधायक सदा सर्वणकर और शिवसेना शिंदे उम्मीदवार पर्चा ना भरें. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी सदा को मनाया, लेकिन सदा सर्वणकर नहीं माने और पर्चा भर दिया।

दिंडोरी में महायुति के दो दलों ने अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं। एनसीपी अजित पवार ने नरहरि जिरवाल को उम्मीदवार बनाया है, तो आज आखिरी मिनट में शिवसेना शिंदे गुट ने धनराज महाले को एबी फॉर्म देकर नरहरि जिरवाल की मुसीबत बढ़ा दी है।

महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में चुनाव होने हैं. 20 नवंबर को मतदान होगा, वहीं नतीजों की घोषणा 23 नवंबर को होगी।

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