मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिवसीय सत्र शुरू हो गया है। सत्र के पहले दिन यानि आज एक साल से खाली स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ, जिसमें एकनाथ शिंदे गुट के राहुल नार्वेकर के महाराष्ट्र विधानसभा के नए स्पीकर चुने गए। समर्थक विधायकों की संख्या गिनकर अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया की गई, जिसमें राहुल को 164 वोट मिले।
सदन के अध्यक्ष के चुनाव को लेकर विपक्ष ने वोटिंग की मांग की थी। शिवसेना समेत सभी राजनीतिक दलों ने व्हीप जारी किया है। यह तय माना जा रहा है कि वोटिंग के बाद शिवसेना व्हीप के उल्लंघन का मामला बागी विधायकों के खिलाफ उठाएगी। 16 बागी शिवसेना विधायकों के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जिस पर अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन की कार्यवाही शुरू हुई। ध्वनिमत से अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया को विपक्ष ने नकार दिया और मतदान प्रक्रिया से चुनाव की मांग की।उधर विधानसभा परिसर में शिवसेना कार्यालय को सील कर दिया गया है।
विधानसभा के सत्र के पहले दिन सदन के अंदर जय श्री राम के नारे लगे। ये नारे नई सरकार में शामिल भाजपा विधायक और 'टीम शिदें' के विधायकों ने मिलकर लगाए। इसी नारेबाजी के बीच पूर्व मंत्री और उद्धव खेमे के विधायक आदित्य ठाकरे विधानसभा पहुंचे, जहां बागी गुट के विधायकों ने उन्हें टोका तक नहीं। आदित्य पहली रो में बैठे हुए हैं। लेकिन बागी विधायक उनसे नजर फेरे बैठे हैं।
एनसीपी विधायक जयंत पाटिल ने कहा कि मैं राज्यपाल का आभार करता हूं। हम बार बार स्पीकर चुनाव हो इसकी मांग कर रहे थे, लेकिन राज्यपाल ने स्वीकार नहीं किया। अब समझ आया कि क्यों इंतज़ार कर रहे थे, शिंदे साहब ने पहले बोला होता तो वो पहले हो जाता। राज्यपाल एक आदर्श बन चुके हैं। हमारी विनती है कि हमने विधान परिषद के लिए जो 12 नाम दिए थे, उसे माना जाए।
विधान भवन आने से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कोलाबा में बालासाहेब ठाकरे की प्रतिमा के दर्शन किए। वहीं, विधान भवन में उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि दी।
सत्र से पहले विधानभवन में स्थित शिवसेना विधिमंडल पार्टी के कार्यालय को बंद होने के कारण उद्धव खेमे के शिवसेना विधायक डिप्टी स्पीकर कार्यालय में बैठे हैं। गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच जारी मतभेद के बीच इस कार्यालय को बंद रखा गया है। हालांकि, अबतक यह साफ नहीं हो पाया है कि किसके कहने पर इसे बंद किया गया है।
विधानसभा सत्र में शामिल होने से पहले पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर कहा कि चूंकि मुझे आज राज्य विधानसभा की बैठक में भाग लेना है, इसलिए मैं आरे वन और एमएमआरसीएल भूमि के लिए विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हो पाऊंगा। मैं नम्रतापूर्वक नई सरकार से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता हूं। मालूम हो कि शिंदे सरकार ने आरे में मेट्रो कारशेड बनाने का फैसला किया है।
विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन कर रहे शिवसेना के बागी विधायक शनिवार शाम गोवा से मुंबई लौट आए। सूत्रों ने बताया कि मुंबई पहुंचे बागी विधायक एक होटल में ठहरेंगे और रविवार को विशेष सत्र में हिस्सा लेंगे।
इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने दावा किया कि विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लंबित रहने के बावजूद भी वह फिलहाल पदेन स्पीकर के तौर पर अपना कर्तव्य निभा सकते हैं। गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद पिछले साल से रिक्त है।
पवार ने पुणे में संवाददाताओं से कहा कि शिवसेना का कौन सा गुट पार्टी का ‘वास्तविक' दावेदार होगा, इस पर फैसले के लिए एक लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी होगी।
इससे पहले दिन में, शिवसेना विधायक और प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी राजन साल्वी ने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के उम्मीदवार के रूप में शनिवार को अपना नामांकन दाखिल किया। इधर, पहली बार विधायक बने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राहुल नार्वेकर ने इस पद के लिए शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया था।
इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुधीर मुनगंटीवार ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में नया मंत्रिमंडल गठित करने पर फैसला रविवार से शुरू हो रहे राज्य विधानसभा के दो-दिवसीय विशेष सत्र के बाद लिया जाएगा।
मुनगंटीवार ने कहा, ‘‘दो-दिवसीय सत्र समाप्त होने के बाद विभागों को आवंटित करने का निर्णय लिया जाएगा। भाजपा नेता दो-दिवसीय सत्र पर फोकस के साथ बैठकें कर रहे हैं। एक बार यह सत्र समाप्त हो जाने के बाद दोनों दलों (भाजपा और शिवसेना का एकनाथ शिंदे खेमा) का प्रदेश नेतृत्व विभागों के आवंटन के बारे में फैसला कर सकता है।