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मुंबई: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे ने बतौर सीएम कार्यभार संभाल लिया है। हालांकि, उनके सीएम बनने के बाद भी प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है। उद्धव ठाकरे ने आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटा दिया है। पार्टी द्वारा जारी एक पत्र में ठाकरे ने कहा कि शिंदे “पार्टी विरोधी गतिविधियों” में शामिल रहे हैं और उन्होंने स्वेच्छा से अपनी सदस्यता छोड़ दी है।

उद्धव ठाकरे द्वारा हस्ताक्षर किए गए पत्र में कहा गया है, "शिवसेना पक्ष प्रमुख के रूप में मुझे मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं आपको पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटाता हूं।" हालांकि, इससे पहले एकनाथ शिंदे ने भी दावा किया है कि वही शिवसेना के नेता हैं। क्योंकि ठाकरे खेमा अल्पसंख्यक की स्थिति में है।

इससे पहले उद्धव ठाकरे ने कहा था कि एकनाथ शिंदे ‘‘शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं'' और पार्टी को किनारे रखकर कोई शिवसेना नहीं हो सकती।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से यह (शिंदे) सरकार बनी और जिन्होंने (भाजपा) यह सरकार बनाई... उन्होंने कहा है कि एक ‘तथाकथित शिवसैनिक' को मुख्यमंत्री बनाया गया है।

उन्होंने कहा, अगर मेरे और अमित शाह के बीच तय हुई बातों के अनुसार सब कुछ होता, तो सत्ता परिवर्तन बेहतर ढंग से होता और मैं मुख्यमंत्री नहीं बनता या महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन नहीं बनता।''

ठाकरे ने कहा, ‘‘जिन लोगों ने ढाई साल पहले अपना वादा पूरा नहीं किया और शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपकर...वे एक बार फिर से (शिंदे) को शिवसेना का मुख्यमंत्री बताकर शिवसैनिकों के बीच संशय पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। वह (शिंदे) शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं। शिवसेना को अलग रखने से शिवसेना का कोई मुख्यमंत्री नहीं हो सकता।''

 

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