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मुंबई: महाराष्ट्र में बागी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नई सरकार की गठन के बाद महाविकास आधाड़ी ने फिर एक बार शिवसेना के 39 बागी विधायकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। महाविकास अघाड़ी की ओर से एक नई याचिका दायर की गई है, जिसमें ये मांग की गई है कि कोर्ट सभी बागी विधायकों को विधानसभा आने से रोके। कहा गया है कि वैसे विधायक जिनके खिलाफ अभी सुनवाई चल रही है या बाकी है, उनके विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया जाए।

'अनुमति नहीं दी जानी चाहिए'

सत्ता से बेदखल होने के बाद एमवीए ने कहा, "बागी विधायक जो भाजपा के मोहरे के रूप में काम कर रहे हैं। साथ ही जो दलबदल का संवैधानिक पाप कर रहे हैं, उन्हें विधानसभा के सदस्य के रूप में बने रहने की अनुमति देकर एक दिन के लिए भी अपने पाप को कायम रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।"

उद्धव ठाकरे के फैसले को पलटने की तैयारी

गौरतलब है कि एमवीए का ये कदम तब सामने आया है जब सत्ता पलट के बाद महाराष्ट्र की गद्दी संभालने वाले एकनाथ शिंदे ने बतौर मुख्यमंत्री फैसला लेना शुरू कर दिया है। सूत्रों की मानें तो वे उद्धव सरकार के आरे में मेट्रोकार शेड नहीं बनाने को लेकर किए गए फैसले को पलटने की तैयारी में हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के एडवोकेट जनरल को आदेश दिए हैं कि मेट्रोकार शेड आरे में ही बनाया जाएगा। इस बारे में अदालत के सामने सरकार का पक्ष रखा जाए।

अधिकारियों को इस बात के आदेश भी दिए हैं कि जलयुक्त शिवार योजना को पुनः शुरू करने के लिए जल्दी ही प्रस्ताव लाया जाए। इन दोनों फैसलों के अतिरिक्त महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र 2 और 3 जुलाई को बुलाया गया है। इस विशेष सत्र में पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा।

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