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मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के राज्यपाल का फैसला बरकरार रखते हुए विधानसभा में बहुमत परीक्षण के लिए हरी झंडी दे दी है। इसके कुछ देर बाद ही उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता भी छोड़ने की घोषणा की। फेसबुक के जरिए दिए संबोधन में उद्धव का दर्द साफ नजर आया। उन्होंने कहा कि जिन्हें कुछ भी नहीं दिया, उन्होंने साथ दिया। कांग्रेस-एनसीपी ने हमारा साथ दिया, लेकिन जिनको मैंने दिया, वो नाराज हैं। उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता कि कल शिवसैनिकों का खून बहे और वे सड़क पर उतरें। इसलिए मैं कुर्सी छोड़ रहा हूं।

उन्होंने इस फेसबुक लाइव में अपनी उपलब्धियों के साथ बगावत पर दुख व्यक्त किया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अच्छे कामों को नजर जल्दी लगती है। उद्धव ठाकरे ने सोनिया गांधी और शरद पवार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जिनको उन्होंने बहुत कुछ दिया वे नाराज हैं और जिन्हें कुछ नहीं दिया वे आज भी साथ हैं। मुझे इन लोगों से धोखे की आशंका नहीं थी।

मुझे नहीं थी दगा की उम्मीदः उद्धव

उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर आपने मुझसे बात करने की कोशिश की होती तो मैं जरूर बात करता। मैं आज भी बात करने को तैयार हूं। मैंने आपको अपना माना था। आपसे दगा की उम्मीद नहीं थी। मुझे पता चला है कि मुंबई में केंद्र सरकार ने सुरक्षा के लिए अलग से फोर्स भेजी है। यहां आप लोगों के आने पर सीआरपीएफ दाखिल होने वाली है। मुझे शर्म आ रही है। क्या आप शिवसैनिकों के खून से मुंबई के रास्ते लाल करने वाले हैं?

'भोग रहा हूं पापों की सजा'

ठाकरे ने कहा, कांग्रेस ने भी मंत्रिमंडल से निकलने की बात की। आज शिवसैनिकों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। उन्हें घऱ से निकलने से रोका जा रहा है। कल के फ्लोर टेस्ट से मुझे मतलब नहीं है। आपके पास कितनी संख्या है मुझे मतलब नहीं है। आप शायद कल विरोधियों का बहुमत सिद्ध ही कर देंगे। जिनको शिवसैनिकों ने बड़ा किया। आपको याद रखना चाहिए कि उस बालासाहेब के बेटे को कुर्सी से उतारने का पुण्य आपने किया है। आपको बड़ा किया यह मेरा पाप है और मैं उसे भोग रहा हूं।

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