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मुंबई/गुवाहाटी: महाराष्ट्र में सियासी उथल-पथल के बीच सीएम उद्धव ठाकरे कल फ्लोर टेस्ट का सामना करेंगे। सूत्रों के अनुसार, खबर है कि शिवसेना के बागी विधायक आज गुवाहाटी से गोवा रवाना हो गये हैं। बताया जा रहा है कि बागी गुट ताज रिजॉर्ट एंड कन्वेंशन सेंटर में ठहर सकते हैं, जहां कथित तौर पर 71 कमरे बुक किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक गोवा में शाम करीब साढ़े चार बजे फ्लाइट से विधायक पहुंचेंगे।

गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में बसें देखी गई हैं। बागी विधायकों के गुवाहाटी होटल से बाहर जाने की अटकलों के बीच वहां की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सूत्रों का कहना है कि वे दोपहर करीब 12 बजे होटल से बाहर निकल गये हैं और शाम को गोवा के लिए उड़ान भर सकते हैं।

बता दें कि शिवसेना बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कहा था कि वे जल्द ही मुंबई में होंगे। इससे पहले आज सुबह वह गुवाहाटी के मंदिर में देखे गए। उन्होंने कुछ बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर में दर्शन किए, जो एक सप्ताह से अधिक समय से इसी शहर के एक फाइव स्टार होटल में ठहरे हुए हैं।

बता दें कि भाजपा ने कल ही गवर्नर से की थी फ्लोर टेस्ट की मांग की थी। दरअसल, मंगलवार को भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी से मुलाकात की. इस दौरान फडणवीस ने राज्‍यपाल से उद्धव ठाकरे सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कहने का अनुरोध किया। दूसरी ओर, एकनाथ शिंदे ने 50 विधायकों के साथ होने का दावा किया है तो इस मुद्दे पर सियासी बयानबाजी भी चरम पर है।

पूरे मामले को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि हमने राज्यपाल को एक पत्र सौंपा, जिसमें उनसे सरकार से सदन में बहुमत साबित करने के लिए कहने का अनुरोध किया गया है। राजभवन में फडणवीस के साथ महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और पार्टी नेता सुधीर मुगंटीवार, प्रवीण दारेकर, गिरीश महाजन और आशीष शेलार भी थे।

सूत्रों के मुताबिक, फडणवीस के राजभवन पहुंचने से पहले आठ निर्दलीय विधायकों ने गुवाहाटी से ईमेल भेजकर यह दावा करते हुए सदन में जल्द से जल्द बहुमत साबित किए जाने की मांग की कि ठाकरे सरकार बहुमत खो चुकी है। ये निर्दलीय विधायक पहले शिवसेना से जुड़े थे। शिंदे के नेतृत्व वाले बागी विधायक भी गुवाहाटी के होटल में रुके हुए हैं। राज्यपाल को सौंपे गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि शिवसेना और भाजपा ने गठबंधन में 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव परिणामों के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाई. पत्र में आरोप लगाया गया है कि शिवसेना के बागी विधायकों को धमकी दी जा रही है। इसमें शिवसेना सांसद संजय राउत और अन्य के बयानों का जिक्र किया गया है। इसमें धमकियों का सबूत संलग्न करने का उल्लेख किया गया है।

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