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मुंबई: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से 2019 में प्रधानमंत्री का पद संभालने की बात कही जाने पर भले ही पीएम नरेंद्र मोदी सहित पूरी भाजपा आक्रामक रुख अपनाए हुए है, लेकिन इस मसले पर उनकी सहयोगी शिवसेना का बयान उलट है।

शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, इस देश में सभी प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देखने का हक है। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र खुद को 'प्रधान सेवक' कहते हैं तो इस देश का कोई भी सेवक प्रधानमंत्री बन सकता है। शिवसेना ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष की प्रशंसा करते हुए कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल ने भाजपा को चुनौती दी है। शिवसेना ने कहा, यह 2014 के राहुल गांधी नहीं हैं। अब वह काफी बदल गए हैं। उन्होंने काफी आलोचना सही है और अब बौद्धिक रूप से मजबूत होकर उभरे हैं।

 

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना और 'दोपहर का सामना' के संपादकीय में लिखा, उन्होंने 2019 में भारतीय जनता पार्टी के सामने एक गंभीर चुनौती रखी है। सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी ने दिसंबर 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि राहुल गांधी को राजनीतिक ताकता मिली है।

शिवसेना ने दी पीएम मोदी गरीमा बनाए रखने की सलाह

शिवसेना ने कहा, भाजपा नेताओं ने अभद्र भाषा में उनका मजाक उड़ाया, लेकिन राहुल गांधी ने हमेशा प्रधानमंत्री के रूप में मोदी की गरिमा बनाए रखी और कभी भी निचले स्तर पर जाकर उनकी आलोचना नहीं की। शिवसेना ने कहा, यह इस बात का सबूत है कि राहुल गांधी के पास राजनीतिक बुद्धि और संस्कृति है, जिसे उनके विरोधियों को अपनाने की जरूरत है।'

पीएम मोदी क्यों पीट रहे हैं छाती

शिवसेना ने हालांकि इस बात पर आश्चर्य जताया कि राहुल गांधी द्वारा उनकी पार्टी के चुनाव जीतने पर प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा को लेकर भाजपा क्यों इतनी डरी हुई और छाती पिट रही है। शिवसेना ने अपने संपादकीय में कहा, आज भाजपा जानना चाहती है विपक्षी दलों के पास कितने प्रधानमंत्री उम्मीदवार है. आखिर कैसे राहुल गांधी ने शीर्ष पद के लिए खुद को उम्मीदवार घोषित कर दिया? शिवसेना ने कहा, इन सवालों पर एलके आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे अन्य बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा जवाब दिया जाना चाहिए।

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