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मुंबई: शिवसेना ने पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक के बाद यह फैसला किया कि वह 2019 में अकेले अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने साफ किया कि अगला विधानसभा चुनाव भी पार्टी अकेले ही लड़ेगी। पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पार्टी ने फैसला किया है कि राज्य में पार्टी अपने दम पर आगे चुनाव लड़ेगी और राज्य के बाहर भी हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी की हार होती है या जीत यह जरूरी नहीं, पार्टी की विचारधारा जरूरी है।

बता दें कि राज्य में अभी भाजपा और शिवसेना की गठबंधन सरकार है। भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है और पिछला चुनाव शिवसेना और भाजपा ने अकेले अकेले ही लड़ा था। चुनाव परिणामों के बाद भाजपा ने सरकार का गठन किया था और विश्वास मत एनसीपी के समर्थन से हासिल किया था। उस वक़्त शिवसेना ने प्रमुख विपक्ष की भूमिका अदा की थी।

लेकिन बाद में सत्ता समीकरण के चलते दोनों दलों में गठबंधन हुआ था और भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनी रही। लिहाज़ा शुरू से ही दोनों दलों के बीच मतभेद है। फिलहाल केंद्र और प्रदेश दोनों जगह शिवसेना सत्ता में भागीदार है। इसके बावजूद शिवसेना पीएम मोदी पर सीधे हमले करती रहती है।

कार्यकारिणी की बैठक में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने जो विश्वास उनपर और पार्टी पर जताया है वह उसके आभारी हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी से अलग चुनाव लड़ने का फैसला काफी विचार करने के बाद लिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर सरदार वल्लभ पटेल पीएम होते तो कश्मीर का मुद्दा न बनता और मराठवाड़ा भी आजाद नहीं हो पाता।

उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही कई दलों को पाकिस्तान की याद आ जाती है। शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने कहा कि रोज सैनिकों की मौत हो रही है, कुर्बानी याद की जाती है, फिर हम सब भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय लेने की गैरजरूरी कोशिश हो रही है। ये सेना का गौरव है।

उन्होंने पीएम मोदी के 56 इंच की छाती वाले बयान पर तंज कसा और कहा कि छाती से कुछ नहीं होता उसमें हिम्मत कितनी है, गौरव कितना है यह अहम है।

उद्धव ठाकरे ने नितिन गडकरी पर भी जमकर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि शहीदों पर नितिन गडकरी का बयान ठीक नहीं है। ये शहीदों का सम्‍मान नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि ये बॉर्डर पर बंदूक लेकर जाते हैं क्‍या?

ठाकरे ने जम्‍मू-कश्‍मीर में सरकार के लिए गठबंधन को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि जो आतंकवाद को बढ़ा रहे हैं उनके साथ हम नहीं रह सकते। ठाकरे कहा कि जब पीएम को कश्मीर के लोगों के साथ खड़े होना चाहिए था तब वे एक दूसरे मुल्क के पीएम के साथ पतंग उड़ा रहे थे। उन्हें कश्मीर में पतंग उड़ानी चाहिए थी।

ठाकरे ने कहा कि अब पार्टी महाराष्ट्र के बाहर भी हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। आज के ऐलान के बाद महाराष्‍ट्र विधानसभा की सूरत क्‍या होगी यह अभी स्‍पष्‍ट नहीं हो पाया है। क्‍या ये सरकार के साथ बनी रहेगी या फिर समर्थन वापस ले लेगी, उद्धव ठाकरे ने इसे अभी स्‍पष्‍ट नहीं किया है।

क्या है महाराष्ट्र में दलगत स्थिति

महाराष्‍ट्र विधानसभा की स्थिति के अनुसार भाजपा+ सहयोगी- 122+ 1, शिवसेना - 63, कांग्रेस - 42, एनसीपी - 41, एआईएमआईएम - 2 है। महाराष्‍ट्र में लोकसभा की स्थिति कुल - 48, भाजपा - 23, शिवसेना - 18 , कांग्रेस - 2 , एनसीपी - 4, स्‍वाभिमानी पार्टी - 1 है।

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