मुंबई: पुणे में नए साल पर शुरू हुई हिंसा की लपटें धीरे-धीरे अब महाराष्ट्र के दूसरे शहरों को भी झुलसाने लगी हैं। भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर 1 जनवरी को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दो गुटों में हुए टकराव में एक शख्स की मौत हो गई थी। धीरे-धीरे मुंबई, पुणे और औरंगाबाद में कई जगहों पर तनाव फैल गया है।
मुंबई और ठाणे समेत कई जगहों पर भड़की हिंसा के बाद बसें फूंक दी गई, कई सड़कें रोक दी गई और लोगों को दुकाने बंद करने पर मजबूर कर दिया गया। मुंबई में कई जगहों पर पत्थरबाजी की घटना भी हुई है। आत्मदाह की कोशिश कर रहे एक प्रदर्शनकारी को समय रहते बचा लिए जाने का भी समाचार है।
हिंसा की वजह से मुंबई के इस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर यातायात प्रभावित हुआ है। इसके अलावा ट्रेन सेवा भी बाधित हुई है। कई जगहों पर यातायात बुरी तरह से प्रभावित होने की भी खबरें हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इसके साथ-साथ उन्होंने सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वाले लोगों को भी चेताया है। मुख्यमंत्री ने झड़प के पहले दिन मारे गए एक युवक की मौत की न्यायिक जांच के आदेश भी दिए हैं।
गौरतलब है कि नए साल पर सोमवार को दलितों का एक समूह पुणे के निकट एक समारोह में भाग लेने जा रहा था, जो भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित किया गया था। उसी समूह पर हमला कर उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार को हुई वारदात में एक शख्स की मौत हुई, और दो वाहनों को आग लगा दी गई, जबकि करीब 40 अन्य गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई। वर्ष 1818 में हुआ भीमा-कोरेगांव युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी तथा तथाकथित सवर्ण पेशवा सैनिकों के बीच हुआ था। इसमें पेशवाओं की हार हुई थी और अंग्रेज़ों की फौज में दलित सैनिक थे। दलित इसी युद्ध की वर्षगांठ को 'विजय दिवस' के रूप में मनाते हैं। बताया गया है कि अंग्रेजों की जीत पर मनाए जा रहे जश्न का ही सोमवार को एक गुट द्वारा विरोध किया गया था, जिसके बाद हिंसा भड़की।
मुंबई में हिंसा भड़की
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, सोमवार को संसवादी के रहनेवाले राहुल फटांगले की सर में लगी चोट के चलते हुई मौत के बाद बड़ी संख्या में रिपब्लिकन पार्टी (आरपीआई) और उनके कार्यकर्तओं की तरफ से बड़ी तादाद में एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करने के बाद मुंबई के उपनगरीय इलाके घाटकोपल, चेंबुर, पोवई, मुलुंद और ठाणे में हिंसा भड़क उठी। जैसे ही तनाव का माहौल बना घाटकोपर के रामाबाई नगर, चेंबुर और मुलूड में दुकानदारों ने अपने दुकानें बंद कर दी।
गुस्से में प्रदर्शनकारियों ने चेंबुर गोल्फ कोर्स के पास बस में तोड़फोड़ की। चेंबुर में पीएल लोखंड मार्ग और अमर महल जंक्शन के पास सड़कों को जाम कर दिया। इसके साथ ही, आरपाआई कार्यकर्ताओं ने चेम्बुर स्टेशन के पास रेल रोको प्रदर्शन किया और सुबह 11 बजकर 25 मिनट से करीब 25 मिनट तक ट्रेने रोके रखी।
इसका नतीजा ये रहा कि हारबर लाइन की सेवाएं काफी देर से चली। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा- कुछ आरपीआई कार्यकर्ताओं ने रेल की पटरी से हटने से साफ इनकार कर दिया। उनके हटने के बाद ही सेवाएं दोबारा चालू हो पायी। प्रदर्शनकारियों ने घाटकोपर में भी ईस्टर्न एक्सप्रेस वे ट्रैफिक को रोक दिया जिसके चलते लंबा जाम लग गया।
ठाणे में शहर के कई हिस्सो में सैकड़ों की तादाद में आरपीआई कार्यकर्ताओं ने रास्ता रोको प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने वागले एस्टेट की बसों में तोड़फोड़ की। जबरदस्ती दुकानें बंद करायी गई और रेल रोको प्रदर्शन किया। इसका परिणाम ये रहा कि वागले एस्टे, कोपरी, वर्तक नगर, मनपांडा और ठाने के कैडबरी जंक्शन पर तनाव का माहौल बना रहा। कई दुकानदारों ने किसी तरह के नुकसान से बचने के लिए खुद ही अपनी दुकानें बंद कर ली।
डीसीपी (क्राइम) अभिषेक त्रिमुख ने बताया- दोपहर बाद तीन से चार लोगों ने वागले एस्टेट की बस में तोड़फोड़ की। शहर के कई हिस्सों में दुकानें बंद हैं। अब हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या दुकानें जबरन बंद करायी गई हैं या फिर दुकानदारों ने अपने स्वेच्छा से बंद की है। डोबिवली के मनपाड़ा इलाका, उल्हासनगर और कल्याण में भी प्रदर्शन देखा गया।