मुंबई: शिवसेना ने पीएम मोदी और राहुल गांधी पर बड़ा बयान दिया है। शिवसेना ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को एक नेता में तब्दील कर दिया है। उनका मंदिरों में जाना 'हिंदुत्व के लिए जीत' है। साथ ही उसने कहा कि राहुल गांधी अब 'पप्पू' नहीं रहे। भाजपा को बड़े मन से यह स्वीकार करना चाहिए। शिवसेना ने कहा कि गुजरात चुनाव के अंतिम चरण में पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने आखिरकार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को एक 'मजबूत प्रतिद्वंदी' माना।
शिवसेना ने साथ ही कहा कि जिस चुनाव में भाजपा अपनी जीत सुनिश्चित मान रही है, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थके हुए दिखाई दे रहे हैं। राहुल गुजरात में व्यापक स्तर पर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। गुजरात में 9 दिसंबर को पहले चरण का मतदान है।
राहुल गांधी ने प्रचार अभियान के दौरान गुजरात में कई मंदिरों का दौरा किया है। शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' में कहा, जिस चुनाव में भाजपा अपनी जीत सुनिश्चित मान रही है उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थके हुए दिखाई दे रहे हैं और इस चुनाव ने राहुल गांधी को एक नेता में बदल दिया है। भाजपा की सहयोगी पार्टी ने कहा, 'चुनाव ने साबित किया है कि राहुल गांधी अब पप्पू नहीं रहे।
भाजपा को बड़े मन से यह स्वीकार करना चाहिए।' उसने कहा, 'राहुल गांधी मंदिर गए और पूजा की, भाजपा इससे क्रोध में है। राहुल गांधी मंदिर गए तो इसका स्वागत होना चाहिए। उनका मंदिर जाना एक तरह से हिंदुत्ववाद की जीत है। जब राहुल कांग्रेस को दिखावटी धर्मनिरपेक्षता से नरम हिंदुत्व की तरफ ले जा रहे हैं तो संघ परिवार को इसका स्वागत करना चाहिए।'
राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की तैयारी को 'औरंगजेब राज' करार दिए जाने संबंधी प्रधानमंत्री मोदी के बयान को लेकर शिवसेना ने कटाक्ष किया और कहा कि 'इस बयान का मतलब यह है कि मोदी मानते हैं कि राहुल उनके प्रतिस्पर्धी हैं और नेतृत्व करने में सक्षम हो गए हैं।'
शिवसेना ने कहा, 'उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के नतीजों के बाद गुजरात के नतीजे जो भी हो, पर यह संदेह है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) भाजपा का सबसे मजबूत पक्ष है।'