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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): हरियाणा के बीजेपी विधायकों ने नायब सिंह सैनी को अपना नेता चुना है। सैनी का चुनाव बुधवार को पंचकूला स्थित पार्टी कार्यालय में किया गया। उनके नाम का प्रस्ताव पूर्व मंत्री और अंबाला कैंट के विधायक अनिल विज और नरवाना के विधायक कृष्ण कुमार बेदी ने रखा। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में अमित शाह और मोहन यादव मौजूद थे। बैठक में हरियाणा बीजेपी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और राव इंद्रजीत सिंह भी मौजूद थे।

शाह ने कहा कि बैठक में एक ही प्रस्ताव मिला जो नायब सिंह सैनी के नाम का था। मैं उनका नाम घोषित करता हूं। नायब सैनी को बहुत बहुत बधाई देता हूं। वहीं मुख्यमंत्री सैनी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही 24 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी।

बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नायब सिंह ने राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने 51 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा है।

आइए यह जानते हैं कि बीजेपी विधायकों ने नायब सिंह सैनी को ही अपना नेता कैसे चुना।

सरकार की छवि बदली

नायब सिंह सैनी को हरियाणा के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तब बैठाया गया था, जब प्रदेश मनोहर लाल खट्टर की सरकार के खिलाफ आम लोगों के साथ-साथ बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में भी रोष था। बीजेपी को डर था कि अगर मनोहर लाल को नहीं हटाया गया तो उसे लोकसभा और विधानसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी डर से बीजेपी ने उन्हें सीएम पद से हटाकर सैनी को बैठा दिया। इसके बाद सैनी ने सरकार की इमेज बदलने और नैरेटिव को चेंज करने का काम शुरू किया। इसका परिणाम यह हुआ कि बीजेपी ने एंटी इंकम्बेंसी के बाद भी इस चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने दम पर दूसरी बार बहुमत हासिल किया। नायब सिंह सैनी ही इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी का चेहरा थे। ऐसे में उनका बीजेपी विधायक दल का नेता चुना जाना पहले से तय माना जा रहा था।

कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार किया

नायब सिंह सैनी ने विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार अभियान की अगुवाई की। हर जगह वो मंच पर नजर आए। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से संपर्क साधने की हरसंभव कोशिश की। उन्होंने कार्यकर्ताओं को उज्ज्वल भविष्य का सपना दिखाया और भूत को भूलने की सलाह दी। उन्होंने कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार किया। मतदान के दिन भी वो बूथों पर कार्यकर्ताओं से मिलते और जानकारी लेते हुए नजर आए। इसने बीजेपी कार्यकर्ताओं में हरियाणा की हारी हुई लड़ाई को जीत लेने का विश्वास पैदा किया। वो अतीत को भुलाकर मैदान में उतर गए और जब परिणाम आया तो सैनी की मेहनत रंग लाई। बीजेपी अपने दम पर बहुमत हासिल करने में कामयाब रही। 2014 के चुनाव में बीजेपी बहुमत हासिल किया था। जबकि 2019 के चुनाव में बहुमत हासिल नहीं कर सकती थी और उसे जेजेपी के साथ गठबंधन सरकार बनानी पड़ी थी।

मनोहर लाल खट्टर बनाम नायब सिंह सैनी

नायब सिंह सैनी के पूर्ववर्ती मनोहर लाल खट्टर की छवि कड़क थी। आम लोगों को छोड़ दीजिए बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता भी उनसे नहीं मिल पाते थे। उनकी इस छवि का असर सरकार के कामकाज पर भी पड़ने लगा था। इसने बीजेपी को परेशान कर दिया था। हालत यह थी कि खट्टर चुनाव प्रचार के दौरान भी एक कार्यकर्ता से उलझते नजर आए। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। सीएम की इस छवि को सुधारने के लिए ही बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया। सीएम की कुर्सी पर बैठने के साथ ही वो लोगों से आसानी से मिलते-जुलते नजर आए। लोगों में नायब सिंह सैनी की छवि के एक सौम्य मुख्यमंत्री की बनी जो उनके बीच हर समय मौजूद था। वहीं मनोहर लाल खट्टर को बीजेपी ने चुनाव प्रचार कम इस्तेमाल किया। इसका असर चुनाव परिणाम में नजर आया। सैनी की यह छवि भी उन्हें दूसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाने में काम आई।

 

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