ताज़ा खबरें
हिरासत में लिए गए प्रशांत किशोर: पीके की टीम बोली- जबरन उठाया
बांग्लादेश ने भारत में जजों का प्रस्तावित प्रशिक्षण कार्यक्रम किया निरस्त
प्रधानमंत्री ने भाषण में 29 मिनट दिल्लीवासियों को दी गालियां: केजरीवाल
आप-दा सरकार नहीं सहेंगे, बदल कर रहेंगे: दिल्ली रैली में पीएम मोदी
प्रियंका के बाद बिधूड़ी का आतिशी-संजय सिंह को लेकर विवादित बयान
सिडनी में भारत की शर्मनाक हार, ऑस्ट्रेलिया ने 6 विकेट से मारी बाजी
दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे की मार, ट्रेनें-उड़ानें बुरी तरह प्रभावित

चंडीगढ़: हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उनकी पार्टी जननायक जनता पार्टी (जजपा) के बीच गठबंधन राज्य में स्थिर सरकार बनाने के लिए हुआ था, किसी बाध्यता के कारण नहीं। उन्होंने दोनों दलों में मतभेदों के संकेतों के बीच यह बयान दिया है। जजपा नेता चौटाला ने कहा कि अक्टूबर 2019 के चुनाव के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता और अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया था।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने 90 सदस्यीय सदन में 40 सीट जीती थीं और जजपा ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पिछले साल हुए आदमपुर विधानसभा उपचुनाव में जीत के बाद भाजपा के सदस्यों की संख्या एक और बढ़ गई। मौजूदा सदन में भाजपा के 41 विधायक हैं, कांग्रेस के 30 और जजपा के 10 विधायक हैं। सात निर्दलीय विधायकों में से छह ने भाजपा का समर्थन किया था। वहीं इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के एक-एक सदस्य हैं। एचएलपी भी खट्टर सरकार का समर्थन कर रही है।

खट्टर सरकार का समर्थन कर रहे हरियाणा के चार निर्दलीय विधायकों ने बृहस्पतिवार को दिल्ली में राज्य के भाजपा प्रभारी बिप्लव कुमार देब से मुलाकात की थी।

शुक्रवार को एचएलपी अध्यक्ष और विधायक गोपाल कांडा ने भी दिल्ली में देब से मुलाकात की थी।

दोनों पक्षों के नेताओं की बयानबाजी के बाद क्या दोनों सहयोगी दलों के बीच मतभेद उभरे हैं? इस पर चौटाला ने कहा, "दोनों दलों ने राज्य में एक स्थिर सरकार बनाये रखने के तरीकों पर चर्चा की थी और उसके बाद ही आपसी सहमति से गठबंधन बना था। यह ना तो मेरी और ना ही भाजपा की बाध्यता थी।"

उन्होंने कहा, "राज्य को स्थिर सरकार चाहिए और हमने वह दी है। आज हरियाणा तरक्की कर रहा है। मुझे नहीं लगता कि किसी ने किसी के साथ पक्षपात किया है।"

चौटाला ने कहा कि वह गठबंधन की शुरुआत से सुन रहे हैं कि यह तीन महीने भी नहीं चलेगा, वहीं कुछ अन्य लोग कह रहे हैं कि यह एक साल में टूट जाएगा।

उप मुख्यमंत्री ने कहा, "जिस दिन कोई तल्खी होगी, मुझे लगता है कि आपको ;मीडिया कोद्ध पूछने का मौका भी नहीं मिलेगा।"

जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा और जजपा अगले साल चुनाव मिलकर लड़ेंगे? तो उन्होंने जवाब दिया, "दोनों दलों के नेता यह तय करेंगे और मुझे लगता है कि दोनों दल साथ चलना चाहते हैं।"

 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख