लखनऊ (जनादेश ब्यूरो): समाजवादी पार्टी (सपा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में संभल पहुंच कर पिछले माह हुई हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये के चेक वितरित किए। इस दौरान पांडेय ने पुलिस पर मुसलमानों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। पुलिस के मुताबिक, संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के दूसरी बार सर्वेक्षण के बाद हिंसा भड़क गई थी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी।
माता प्रसाद पांडेय ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को आज लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह में पांच-पांच लाख रुपये के चेक वितरित किए तथा उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इस मौके पर पांडेय ने पत्रकारों से कहा कि हिंसा में कुछ लोग मारे गए थे जिनके परिजनों को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की थी और वह इसी राशि के चेक मृतकों के परिजनों को देने आए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार मुसलमानों के प्रति संवेदनशील नहीं है और यह सिर्फ (अंडरवर्ल्ड डॉन) दाऊद इब्राहिम को जानती है, लेकिन देश की सीमा की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीर अब्दुल हमीद और ब्रिगेडियर उस्मान को नहीं जानती है।
पांडेय ने सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया, ''इनके मन में सद्भावना नहीं है, यह जातीय विषमता पैदा करके, हिंदू मुस्लिम में तनाव पैदा कर रहे हैं।'' नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया कि सरकार चाहती है कि लोगों में इतनी दूरी व खटास पैदा कर दें, जिससे उनकी राजनीति सफल हो सके। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस यहां बड़े पैमाने पर उत्पीड़न की कार्यवाही कर रही है।
माता प्रसाद ने कहा कि चाहे कुंदरकी, कटेहरी मांझवा हो, वहां पर बहुत लंबे स्तर पर धांधली हुई। लोगों को वोट नहीं डालने दिया गया। उनका वोट पुलिस के माध्यम से डाला गया। कानून व्यवस्था की हलात दिनों दिन खराब होती जा रही हैं। पूरे सूबे की बताने की जरूरत नहीं है। जहां से मुख्यमंत्री आते हैं, वहां हर हफ्ते गोली चलती है। डकैती भी हो रही है।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि बेरोजगारी और मंहगाई दिनोंदिन बढ़ रही है। उस तरफ से ध्यान हटाने के लिए सरकार ऐसी घटनाएं करा रही है। यहां हो रहे अवैधानिक कार्यों की जांच हो, जो यहां ऐसे काम कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने पुलिस-प्रशासन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस की लाठी भी चोरी होगी तो वह इल्जाम मुझ पर लगा देंगे। उन्होंने बवाल के दौरान खुद पर हुई कार्रवाई को गलत बताया। सांसद ने कहा कि उनके खिलाफ गलत तरीके से रिपोर्ट दर्ज की गई।