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जींद: हरियाणा में जाट आरक्षण को लेकर सियासत एक बार फिर गरमा गई है। मांगों को लेकर सरकार पर धीरे-धीरे दबाव बनाते आ रहे जाटों ने अब गुरुवार से प्रदेश के नौ जिलों में आंदोलन का ऐलान कर दिया है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति का कहना है कि जब उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक वे आंदोलन को जारी रखेंगे। वहीं प्रदेश सरकार भी किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए रणनीति बनाने में जुटी रही। इसी दौरान हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की सुरक्षा बढ़ाते हुए प्रदेश के सभी पुलिस कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी है।

वहीं सीएम खट्टर ने किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेने की चेतावनी दी है। आरक्षण की मांग को लेकर तीसरी बार आंदोलन कर रहा जाट समुदाय एक बार फिर से आक्रामक हो गया है। जाटों ने दो दिन पहले रोहतक में बैठक करके प्रदेश के रोहतक, झज्जर, सोनीपत, चरखी-दादरी, भिवानी, हिसार,कैथल, जींद व पानीपत में आंदोलन करने का ऐलान किया है।

जाटों के इस ऐलान के बाद प्रदेश के गृह सचिव एस.एस. प्रसाद तथा पुलिस महानिदेशक बी.एस.संधू ने संवेदनशील जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत की। सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। जाट आरक्षण आंदोलन के चलते पुलिस विभाग में सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।

जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेता यशपाल मलिक पिछले 2 सालों से प्रदेश में जाट आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन चलाए हुए हैं, साल 2016 में जब यह आंदोलन शुरू हुआ था, तो रातों-रात इसके तेवर बदलते गए थे, इसके बाद प्रदेश में तबाही का जो तांडव मचा था, उसने हजारों करोड़ रूपये की सम्पत्ति को आग के हवाले कर दिया था। वहीं कितने ही निर्दोष लोग जान से हाथ धो बैठे थे, इसके अलावा सेना की गोलियों का शिकार होकर अनेक जाट युवा भी खेत रहे थे। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ शुरू की थी, हालांकि वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के आवास को जलाने के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। इसके बाद सीबीआई ने अनेक युवाओं को हिरासत में लेकर उन्हें जेल भेज दिया गया। अब जाट समाज इन्हीं युवाओं की रिहाई और आरक्षण देने की मांग कर रहा है।

गौरतलब है कि यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है, जाट समाज की एक अन्य मांग कोर्ट में मामले की पैरवी जोरदार तरीके से करने की भी है। रविवार को जसिया में फिर से आंदोलन के आगाज का ऐलान करते हुए यशपाल मलिक ने कहा कि भाजपा सरकार के साथ उनकी 4 दौर की बातचीत हुई है, इस दौरान सरकार ने जाटों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार अपनी किसी मांग को पूरा नहीं कर सकी।

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