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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली के विज्ञान भवन में जामिया मिलिया इस्लामिया के शताब्दी वर्ष के दीक्षांत समारोह में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोकतंत्र के मंदिरों में व्यवधान को हथियार बनाए जाने पर दुख व्यक्त किया। उपराष्ट्रपति ने कहा व्यवधान और अशांति लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रतिकूल हैं। उन्होंने कहा कि, संसद को न चलने देने का कोई बहाना नहीं हो सकता। प्रश्नकाल के न होने को कभी भी तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता। उपराष्ट्रपति ने कहा कि, कुछ विदेशी विश्वविद्यालयों द्वारा भारत विरोधी चलाने वाले नरेटिव का छात्र और संकाय सदस्य हिस्सा न बनें। कानून के शासन को चुनौती देने के लिए सड़क पर प्रदर्शन सुशासन और लोकतंत्र की पहचान नहीं है।

रविवार को जामिया मिलिया इस्लामिया के शताब्दी वर्ष के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र पूरी तरह से संवाद, चर्चा, विचार-विमर्श और बहस के बारे में है। उन्होने व्यवधान और गड़बड़ी को लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत बताया।

नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने मणिपुर में जारी जातीय हिंसा को लेकर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने मणिपुर की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जातीय सफाया पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा, मणिपुर सरकार नाकाम हो गई है। उन्होंने बीजेपी के दूसरे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के आरोपों पर भी जवाब दिया और कहा कि इसकी तुलना मणिपुर से कैसे की जा सकती है।

चिदंबरम ने ट्वीट कर लिखा, "चलिए मान लेते हैं कि बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुईं। ये मणिपुर में लगातार जारी क्रूर हिंसा को कैसे माफ करता है? कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या घाटी में कोई कुकी बचा है? क्या चुराचांदपुर और मणिपुर के अन्य पहाड़ी जिलों में कोई मेइती बचा है? यदि रिपोर्ट सच है, मणिपुर में जातीय सफाया लगभग पूरा हो चुकी है।"

चिंदबरम ने आगे कहा, "वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन पर, मणिपुर में संवैधानिक सरकार का पतन हो गया है। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों की हुकूमत उनके घरों और दफ्तरों से आगे नहीं चलती।

नई दिल्‍ली: संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर की घटना को लेकर हंगामा लगातार जारी है। विपक्ष इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री के बयान को लेकर अड़ा हुआ है। विपक्ष ने 24 जुलाई को संसद के दोनों सदनों के फ्लोर लीडर की सुबह 10 बजे एक अहम बैठक बुलाई है। पीएम के बयान की मांग को लेकर ही सोमवार को सुबह 10.30 बजे विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के सांसद संसद भवन में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करेंगे।

सरकार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जवाब के साथ मणिपुर मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा कराने पर सहमत हो गई है। लेकिन विपक्ष पहले पीएम के बयान की मांग कर रहा है और खासकर मणिपुर के एक गांव में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने और उनके साथ मारपीट करने का वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद विपक्ष इस मांग पर अड़ गया है।

इसके अलावा, विपक्ष बिना किसी समय की पाबंदी के सभी दलों को सदन में बोलने की अनुमति देकर बहस चाहता है और गुरुवार (20 जुलाई) को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से इस मुद्दे पर विरोध दर्ज करा रहा है।

नई दिल्ली: मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए दुर्व्यवहार के बाद महिला सुरक्षा के मुद्दे पर देशभर में काफी चर्चा हो रही है। मणिपुर की घटना को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दल लगातार केंद्र और मणिपुर सरकार पर निशाना साध रही है। एक तरफ जहां विपक्षी दलों की मांग है कि मणिपुर में एन बीरेन सिंह की सरकार को बर्खास्त किया जाए। वहीं, भाजपा ने भी विपक्षी दलों पर महिला सुरक्षा को लेकर पलटवार किया है।

शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के राष्ट्रीय भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। अनुराग ठाकुर ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि देश के कुछ राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं और कई राज्यों में इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

बिहार के बेगूसराय जिले में एक नाबालिग लड़की के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस जिले में जो हुआ वह हमारे सामने है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर एक शब्द भी नहीं बोला।

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