नई दिल्ली: न्यूज़क्लिक कथित फंडिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने विदेश मंत्रालय के जरिए अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम को समन भेजा है। नेविल राय फिलहाल चीन में हैं। दिल्ली की एक अदालत ने सबसे पहले ईडी को लेटर ऑफ रोगेटरी जारी किया। दरअसल पिछले साल चीनी अधिकारियों ने सिंघम को समन देने से इंकार कर दिया था। ईडी ने उन्हें न्यूज़क्लिक फंडिंग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी बनाया है।
बता दें कि सीबीआई ने दो महीने पहले न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ एफसीआरए उल्लंघन का मामला दर्ज किया था और नेविल रॉय सिंघम को आरोपी बनाया था, अब उनको समन जारी किया गया है। सूत्रों के मुताबिक ईडी जेल में बंद न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ की हिरासत भी मांगेगी। नेविल रॉय सिंघम का नाम सबसे पहले द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में सामने आया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अमेरिकी करोड़पति दुनिया भर में चीनी प्रचार फैलाने में शामिल थे। नोविल रॉय सिंघम ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले महीने न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और इसके एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया गया था। पत्रकारों और कार्यकर्ताओं समेत करीब 100 लोगों पर 100 जगहों पर छापेमारी के बाद गिरफ्तारियां की गई थीं।
न्यूजक्लिक फंडिंग मामले में फंसे संपादक और एचआर हेड
कानून प्रवर्तन अधिकारी पोर्टल के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहे हैं, जिसमें उस पर चीन से अवैध पैसा लेने और चीनी प्रचार का आरोप लगाया गया है। पोर्टल से जुड़े कई कर्मचारी और सलाहकार भी जांच के दायरे में हैं। इससे पहले 2 नवंबर को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को 30 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। उन्हें पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया था।
चीनी फंडिंग से झूठा प्रचार करने का आरोप
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ अपनी एफआईआर में कहा कि पीपुल्स डिस्पैच पोर्टल, जिसका स्वामित्व और रखरखाव पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के पास है। लिमिटेड का इस्तेमाल साजिश के हिस्से के रूप में अवैध रूप से भेजे गए विदेशी फंड के करोड़ों रुपये के बदले में पेड न्यूज के माध्यम से जानबूझकर झूठी बातें फैलाने के लिए किया गया है।