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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए दो बैंकों के पीएनबी में विलय का एलान किया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यूनाइटेड बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का पंजाब नेशनल बैंक यानी पीएनबी में विलय होगा। दूसरी तरफ, केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का भी आपस में विलय किया जाएगा। इसी तरह यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का भी विलय किय़ा जाएगा। इंडिय़न बैंक और इलाहाबाद बैंक का भी आपस में विलय होगा। केंद्र सरकार के इस बड़े एलान के साथ ही अब देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने जो फ़ैसले लिए थे, उन पर अमल की शुरुआत हो गई है। बैंक और एनबीएफसी के 4 टाइअप हुए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एनबीएफसी कंपनियों के लिए आंशिक ऋण गारंटी योजना लागू की गई है। 3,300 करोड़ रुपये का पूंजी समर्थन दिया गया है और 30,000 करोड़ रुपये देने की तैयारी है। बैंकों के वाणिज्यिक फैसलों में सरकार का कोई दखल नहीं है। नीरव मोदी जैसी धोखाधड़ी रोकने के लिये स्विफ्ट संदेशों को कोर बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है।

गुवाहाटी: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा सरकार आगामी दिनों में उद्योग को प्रोत्साहन के लिए दो बड़े कदमों की घोषणा करेगी। उन्होंने कहा कि उपभोग को बढ़ाने की जरूरत है। सीतारमण ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने खर्च बढ़ाने का फैसला किया है और वाहन बाजार की सुस्ती को दूर करने के लिए कुछ उपायों की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को सभी लंबित जीएसटी रिफंड का भुगतान 30 दिन में करने का निर्देश दिया गया है। भविष्य में इस तरह के रिफंड 60 दिन में जारी कर दिए जाएंगे। हालांकि, मंत्री ने यह नहीं बताया कि सरकार कौन से दो कदम उठाने जा रही है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर अगर तुलना की जाए तो हमारी अर्थव्यवस्था अब भी सबसे तेजी से आगे बढ़ रही है। हम जानते हैं कि उपभोग बढ़ाने की जरूरत है। सीतारमण ने सार्वजनिक खर्च बढ़ाने का फैसला किया है। बुनियादी ढांचा खर्च क्षेत्र में खर्च बढ़ाने से अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी।

नई दिल्ली: बेरोजगारी के 45 सालों में सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद अब बैंक व लोन देने वाली कंपनियों के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। बेरोजगारी बढ़ने के बाद लोग अब अपने लोन की किश्त को भी नहीं चुका रहे हैं, जिसका असर आगे चलकर देखने को मिल सकता है।ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार बैंकों से अक्सर लोग होम, ऑटो, शिक्षा और पर्सनल लोन लेते हैं। इसके अलावा आजकल बहुत सारे व्यक्ति क्रेडिट कार्ड भी रखते हैं। ऐसे में किश्त की अदायगी नहीं होने के कारण बैंकों को रिटेल लोन एनपीए बढ़ने की उम्मीद है।

एसबीआई का बढ़ा रिटेल लोन एनपीए

भारतीय स्टेट बैंक का रिटेल लोन एनपीए जून में 4.8 फीसदी था, जो कि जुलाई में बढ़कर के 5.3 फीसदी हो गया है। इससे बैंक आगे भी लोगों के लोन को प्रोसेस करने में देरी कर रहे हैं। फिच रेटिंग्स के अनुसार रिटेल लोन किश्त की न आदाएगी से बैंकों पर दबाव देखने को मिलेगा।

नई दिल्ली: हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड ने अपने साबून लक्स, लाइफबॉय और डव की कीमत बीते महीने कम की है। कंपनी का कहना है कि उसने इन्पुट कॉस्ट में आई कमी का फायदा अपने ग्राहकों को पास किया है। देश की सबसे बड़ी कन्ज्यूमर गुड्स कंपनी बढ़ती प्रतियोगिता और कम होती मांग के बीच आकर्षित करने की कोशिश कर रही है।

इतने घटाएं दाम

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने लक्स और लाइफबॉय की कीमतों में 4 से 6 फीसदी की कमी की है। हालांकि ये कमी कुछ पैक्स पर इससे भी ज्यादा है ताकि कस्टमर को ज्यादा फायदा पास किया गया है। कुछ पैक्स पर कीमतें 20 से 30 फीसदी तक कम की गई है।

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