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नई दिल्ली: दुनियाभर के देश कोरोना वायरस के प्रकोप से घिरे हुए हैं। इस बीच अंतरार्ष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक, क्रिस्टालिना जार्वीवा ने कहा है कि 1930 की महामंदी के बाद से दुनिया को सबसे खराब आर्थिक गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने गुरुवार को अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक विकास 2020 में तेजी से नकारात्मक हो जाएगा और 170 से अधिक देशों में इस वर्ष प्रति व्यक्ति आय वृद्धि नकारात्मक होगी। आईएमएफ प्रमुख ने कहा, ''हालांकि यह पहले से ही स्पष्ट है कि वैश्विक विकास 2020 में तेजी से नकारात्मक हो जाएगा, जैसा कि अगले सप्ताह हमारे विश्व आर्थिक आउटलुक में देखेंगे। वास्तव में हम बहुत बड़ी मंदी के बाद सबसे खराब आर्थिक गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं।''

आएगी जोरदार गिरावट

क्रिस्टलीना जार्वीवा ने मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि कोरोना के कारण दुनिया की अर्थव्यवस्था में 1930 की महामंदी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट आ सकती है।

नई दिल्ली: भारत मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, जिसकी इस समय दुनिया भर में बहुत अधिक मांग है, का निर्यात सिर्फ विदेशी सरकारों को करेगा और निजी कंपनियों को इसे नहीं बेचा जाएगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह उत्पाद इस समय निर्यात के लिए प्रतिबंधित श्रेणी में है, इसलिए यह फैसला किया गया है। हालांकि, इस दवा का निर्यात पूरी तरह प्रतिबंधित है, लेकिन भारत सरकार ने कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने की अपनी वैश्विक प्रतिबद्धता के चलते इसका निर्यात करने का निर्णय किया है।

सूत्रों ने कहा, ''हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन अभी भी प्रतिबंधित वस्तु है। निजी कंपनियों से निजी कंपनियों को या एक घरेलू निर्यातक से विदेशी आयातक को इस व्यापार प्रतिबंधित है। सरकार जो प्रक्रिया अपना रही है, उसका मकसद उन देशों की मदद करना है, जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है या जो पहले से इस दवा के लिए भारत पर निर्भर हैं या नेपाल, श्रीलंका और भूटान जैसे मित्र देश हैं। सूत्रों ने इस प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि जिन देशों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का निर्यात करना है, उन्हें विदेश मंत्रालय के जरिए अपना आवेदन देना होगा।

वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) का मानना है कि 2020 का साल वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए काफी खराब रहने वाला है। आईएमएफ का अनुमान है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 1930 के दशक की महामंदी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी। आईएमएफ की निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2020 में दुनिया के 170 से अधिक देशों में प्रति व्यक्ति आय घटेगी।

जॉर्जिवा ने अगले सप्ताह होने वाली आईएमएफ और विश्वबैंक की बैठक से पहले ‘संकट से मुकाबला: वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए प्राथमिकताएं’ विषय पर अपने संबोधन में कहा कि आज दुनिया ऐसे संकट से जूझ रही है जो उसने पहले कभी नहीं देखा था। कोविड-19 ने हमारी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को काफी तेजी से खराब किया है। ऐसा हमने पहले कभी नहीं देखा था। उन्होंने कहा कि इस वायरस से लोगों की जान जा रही है और इससे मुकाबले के लिए लॉकडाउन करना पड़ा है जिससे अरबों लोग प्रभावित हुए हैं। कुछ सप्ताह पहले सब सामान्य था। बच्चे स्कूल जा रहे थे, लोग काम पर जा रहे थे, हम परिवार और दोस्तों के साथ थे। लेकिन आज यह सब करने में जोखिम है।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन लागू है। लोगों की कठनाइयों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने विशेष पैकेज की घोषणा की थी। इसमें कई तरह की घोषणा आम लोगों के लिए की गई थी। सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों और मिहलाओं का विशेष ख्याल रखा था। प्रधानमंत्री जनधन योजना के महिला लाभार्थियों के खाते में सीधे पैसे ट्रांसफर और उज्ज्वला योजना के महिला लाभार्थियों के लिए तीन महीने तक फ्री में गैस सिलेंडर देने की बात कही गई थी।

वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत महिला खाताधारकों के खातों में अगले दो माह के दौरान 500-500 रुपए की दो समान किस्तों में 1,000 रुपए डाले जाएंगे। महिला जनधन खाताधारकों के खातों में पहली किस्त के रूप में अप्रैल में 500 रुपए डाले गए हैं। मंत्रालय ने लोगों से कहा है कि वे इसको लेकर किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। अगले दो महीने में दो किस्तें और डाली जाएंगी।

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