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नई दिल्ली: जेट एयरवेज के विमान जल्द ही एयरपोर्ट के रनवे से फिर उड़ान भरते नजर आएंगे। कंपनी के मुताबिक, जेट एय़रवेज की फ्लाइट 2022 की पहली वित्तीय तिमाही से घरेलू उड़ान शुरू होंगी। जबकि छमाही के बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ान भी चालू की जाएंगी। हालांकि फिलहाल ये विदेशी उड़ान कम दूरी की ही होंगी। एयरलाइन का कहना है कि वो अधिकारियों के साथ उड़ानों के स्लॉट और अन्य मुद्दों पर विचार विमर्श कर रही है। विमानन कंपनी ने एक बयान में कहा है कि उड़ानों के संचालन के लिए एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट पाने की प्रक्रिया भी चल रही है।

यूएई के कारोबारी मुरारी लाल जालान लंदन की जालान कॉर्लाक कंसोर्टियम के अग्रणी सदस्य हैं और प्रस्तावित जेट एयरवेज के गैर कार्यकारी सदस्य हैं। जैन का कहना है कि हमारी योजना तीन साल में 50 से अधिक विमानों के परिचालन की है, जो 5 साल में 100 के भी ऊपर पहुंच जाएगी। समूह की लंबी अवधि की भी कारोबारी योजना है। जालान ने कहा कि यह विमानन उद्योग के क्षेत्र में इतिहास है कि कोई विमानन कंपनी जो दो साल पहले कारोबार बंद कर चुकी है, उसे दोबारा बहाल किया जा रहा है। हम इस ऐतिहासिक उड़ान के भागीदार बनने को तैयार हैं।

नई दिल्ली: सरकार ने गुरुवार को कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। कोरोना महामारी को देखते हुए इससे पहले मई में इसे 30 सितंबर तक बढ़ाया गया था। वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि सीबीडीटी ने वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न और ऑडिट की विभिन्न रिपोर्ट दाखिल करने की नियत तारीखें बढ़ा दी है। आयकर अधिनियम, 1961 ("अधिनियम") के तहत निर्धारण वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न और ऑडिट की विभिन्न रिपोर्टों को दाखिल करने में करदाताओं और अन्य हितधारकों द्वारा रिपोर्ट की गई कठिनाइयों पर विचार करते हुए, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ( सीबीडीटी) ने वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न और ऑडिट की विभिन्न रिपोर्टों को दाखिल करने की नियत तारीखों को और आगे बढ़ाने का फैसला किया है।

वर्ष 2021-22 के लिए आय का विवरण प्रस्तुत करने की नियत तिथि को बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया है। इससे पहले अंतिम तारीख 31 जुलाई 2021 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 की गई थी।

नई दिल्ली: कैबिनेट की बैठक में आज सरकार ने किसानों तो बड़ा तोहफा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार ने मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया है। केंद्र ने गेहूं, बार्ले, चना, मसूर, सरसों और सैफलॉवर का एमएसपी बढ़ा दिया गया है। सबसे ज्यादा मसूर और सरसों के एमएसपी में बढ़ोतरी हुई है। इसमें 400 रुपये का इजाफा किया गया है। इसके बाद चने के एमएसपी में सबसे अधिक यानी 130 रुपये की बढ़ोतरी हुई, सैफलॉवर का एमएसपी 114 रुपये बढ़ा है, वहीं गेहूं और बार्ले का एमएसपी क्रमश: 40 और 35 रुपये बढ़ा है।

इतना हुआ रबी फसलों का एमएसपी 
गेहूं का एमएसपी 1975 रुपये से बढ़कर 2015 रुपये हो गया है, बार्ले का 1600 रुपये से बढ़कर 1635 रुपये, चना की 5100 रुपये से 5230 रुपये, सरसों की 4650 रुपये से 5050 रुपये, सैफलॉवर का 5327 रुपये से 5441 रुपये और मसूर की 5100 रुपये है।

नई दिल्ली: अगले चीनी सत्र 2021-22  में एथनॉल उत्पादन के लिए ज्यादा गन्ने का इस्तेमाल होने की संभावना है। इसकी वजह से चीनी सत्र 2021-22 में चीनी के उत्पादन में मामूली गिरावट आ सकती है और यह 3.05 करोड़ टन रह सकता है। खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि चालू चीनी सत्र यानी 2020-21 (अक्तूबर- सितंबर) में चीनी का उत्पादन 3.10 करोड़ टन तक जा सकता है। मालूम हो कि ब्राजील के बाद भारत में दुनिया में सबसे चीनी का उत्पादन होता है।

इस साल गन्ने की फसल कुल मिलाकर अच्छी है। ऐसे में सुबोध कुमार ने कहा कि हमें एथनॉल बनाने के लिए ज्यादा गन्ना इस्तेमाल होने की उम्मीद है। मौजूदा सत्र में एथनॉल उत्पादन में जितने गन्ने की खपत होती है, उससे 20 लाख टन चीनी का उत्पादन होता है, जबकि 2021-22 सत्र में 35 लाख टन चीनी उत्पादन में काम आने वाले गन्ने को एथनॉल उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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