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नई दिल्ली: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने वीडियोकॉन समूह के प्रमोटरों की संपत्तियां जब्त करने और बैंक खाते फ्रीज करने का आदेश दिया है। यह आदेश कंपनी मामलों के मंत्रालय की एक याचिका पर दिया गया है। इस याचिका में रिकवरी बढ़ाने के लिए वीडियोकॉन के प्रमोटरों की संपत्तियां जब्त करने की अनुमति देने की मांग की गई थी।

एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) को आदेश दिया है कि उनके पास मौजूद वीडियोकॉन के प्रमोटरों के निवेश वाली सिक्योरिटी को फ्रीज कर दिया जाए। इन सिक्टोरिटी जो बेचने या उनके हस्तांतरण पर भी रोक लगाने के लिए कहा है। 

ट्रिब्यूनल ने वीडियोकॉन को नुकसान होने के बावजूद कर्ज देते रहने और फिर दिवालिया घोषित करने की अर्जी पर हैरानी जताई है। बता दें कि वित्त वर्ष 2004 में कंपनी का रिजर्व 10,028 करोड़ का था जो 2019 में माइनस 2972 करोड़ हो गया था।

इस दौरान कंपनी का सिक्योर्ड लोन भी 20149.23 करोड़ रुपये से बढ़कर 28,586.87 करोड़ रुपये हो गया।

 

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