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नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रविवार को निवेशकों को आगाह किया कि वे मोटी कमाई के पीछे भागते वक्त सावधान रहें, क्योंकि उसमें बड़ी जोखिम रहती है। गर्वनर दास ने कहा कि निवेशकों या जमाकर्ताओं को स्वयं भी बहुत समझदार होने की आवश्यकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उच्च रिटर्न या उच्च ब्याज दरों से अक्सर उच्च जोखिम जुड़ी होती है। सिर्फ इसलिए कि एक बैंक ज्यादा ब्याज की पेशकश कर रहा है तो उसका पीछा करते हुए उसमें पैसा लगाने से पहले बहुत सावधान रहना चाहिए। 

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने यह भी कहा कि ऐसे संस्थान भी हैं, जो उच्च रिटर्न दे रहे हैं और वे आर्थिक रूप से सक्षम भी हैं, लेकिन जमाकर्ताओं को हमेशा बहुत सतर्क रहना चाहिए। दिल्ली में आयोजित 'डिपॉजिटर्स फर्स्ट' कार्यक्रम में गवर्नर दास ने कहा कि रिजर्व बैंक इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि बैंकिंग तंत्र मजबूत और लचीला बना रहना चाहिए, लेकिन यह साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हर हितधारक चाहे वह बैंकों का प्रबंधन हो, चाहे वह बैंकों का बोर्ड हो, चाहे वह बैंकों की विभिन्न समितियां हों, लेखा परीक्षा समिति, जोखिम प्रबंधन समिति या कोई अन्य नियामक प्राधिकरण हो, हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है। 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि अब बैंकों के डूबने पर जमाकर्ताओं का पैसा नहीं डूबता है और उनकी जमा का समयबद्ध तरीके से भुगतान किया जाता है। मोदी ने यहां विज्ञान भवन में 'जमाकर्ता प्रथमः पांच लाख रुपये तक का गारंटीशुदा समयबद्ध जमा बीमा भुगतान' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एक समय था जब जमाकर्ताओं को दबाव वाले बैंकों से अपना पैसा वापस पाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता था। गरीब, मध्यम वर्ग बरसों तक इस परेशानी से जूझता रहा।

मोदी ने कहा, "यदि बैंकों को बचाना है, तो जमाकर्ताओं को सुरक्षा देनी होगी। हमने बैंकों को बचाकर जमाकर्ताओं को यह सुरक्षा दी है।" उन्होंने कहा, "जमा बीमा भुगतान की गारंटी के पीछे की प्रेरणा जमाकर्ता हैं। एक साल में एक लाख जमाकर्ताओं को 1,300 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने कानून में बदलाव किया है, जिससे बैंकों के बंद होने पर जमाकर्ताओं को समयबद्ध तरीके से उनकी जमा का भुगतान किया जाता है।

नई दिल्ली: देश में पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार स्थिर चल रहे हैं। गुरुवार यानी 9 दिसंबर, 2021 को देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दामों में फिर कोई बदलाव नहीं किया है। 4 नवंबर, 2021 के बाद से देश में ईंधन तेल के दाम स्थिर चल रहे हैं। केंद्र की ओर से एक्साइज ड्यूटी और फिर अधिकतर राज्यों की ओर से वैट में कटौती किए जाने के बाद से ही पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर चल रहे हैं। चूंकि कच्चे तेल में फिर से बढ़ोतरी आने लगी है, ऐसे में यह भी उम्मीद अभी नहीं की जा सकती कि देश में ईंधन तेल के दाम और घट सकते हैं।

अगर कच्चे तेल के मौजूदा रेट की बात करें तो पिछले कुछ दिनों में इसने फिर से तेजी दिखाई है और 70 डॉलर से 76 डॉलर के रेंज में पहुंचने में कामयाब रहा है। लेकिन बुधवार को बाजार में गिरावट दर्ज हुई थी और वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड वायदा की कीमत 1.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76.33 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई।

अब एक बार देख लेते हैं देश में अभी अलग-अलग शहरों में पेट्रोल-डीजल के रेट क्या चल रहे हैं।

नई दिल्ली: आरबीआई मोनेटरी पालिसी की दिसंबर महीने की बैठक में नीतिगत दरों को एक बार फिर से नहीं बदला गया है। ओमिक्रॉन की चिंता के बीच रबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा समिति ने बेंचमार्क रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। रेपो रेट एक बार फिर 4% पर बरकरार रखा गया है। रेपो रेट को 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। बता दें कि रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिसपर आरबीआई बैंकों को शॉर्ट टर्म उधार देती है और रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिसपर वो बैंकों से उधार लेती है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के चलते देश में अनिश्चितता के हालात पैदा होने से बाजार विश्लेषकों का मानना था कि इस बार भी आरबीआई नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि समिति ने कोविड-19 के बीच अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए अपने 'एकोमोडेटिव स्टान्स' को अपनाए रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इकॉनमिक रिकवरी तेज हो रही है, लेकिन इतनी मजबूत नहीं है कि अपने दम पर सतत तेजी जारी रख सके।

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