ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

नई दिल्ली: हाल के दिनों में देश में हुए धरना प्रदर्शन की वजह से भारतीय रेल को भारी भरकम नुकसान झेलना पड़ा है। रेलवे के अलग-अलग जोन में करोड़ों का नुकसान हुआ है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में इस बात की जानकारी दी। रेलवे की ओर से जारी जानकारी में यह बताया गया है कि इस साल अक्टूबर तक के महीने में रेलवे के नॉर्दन जोन में 1212 धरना प्रदर्शन हुए। इस वजह से नॉर्दन रेलवे को लगभग 22,58,00000 रुपये का नुकसान हुआ है।

गौरतलब है कि देश में हाल के दिनों में हुए किसान आंदोलन का सबसे बड़ा क्षेत्र दिल्ली, पंजाब, हरियाणा रहा. इन इलाकों में बड़ी संख्या में किसानों ने प्रोटेस्ट किया जिसका असर रेलवे की आय पर पड़ा है और उसे भारी नुकसान हुआ है। रेलवे ने यह भी साफ किया है कि चालू वित्त वर्ष 2021 में अक्टूबर तक के दौरान रेलवे को जो कुछ भी अनुमानित नुकसान हुआ है उसके लिए अन्य संगठनों के आंदोलन के साथ-साथ किसान आंदोलन भी जिम्मेवार है। इसकी वजह से ट्रेनों का परिचालन काफी बाधित हुआ है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): साल के आखिरी महीने दिसंबर महीने के पहले दिन आम आदमी की उम्मीदों के विपरीत महंगाई का बड़ा झटका लगा है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने 19 किलोग्राम कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 100 रुपये तक बढ़ा दी है। हालांकि, 14.2 किग्रा बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम में बदलाव नहीं किया गया है। दरअसल, सरकारी तेल कंपनियों ने 1 दिसंबर को एलपीजी गैस सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी की है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने 19 किलोग्राम कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 100 रुपये तक बढ़ा दी है। 

बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम यथावत

तेल कंपनियों द्वारा की गई इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में 19 किलोग्राम कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 100.50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ गई है और यह 2101 रुपये हो गई है। हालांकि, 14.2 किग्रा बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम में बदलाव नहीं किया गया है। दिल्ली और मुंबई में 14.2 किग्रा बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 899.50 रुपये है।

नई दिल्ली: कोरोना की मार के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार दिख रहा है। हालांकि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर (जीडीपी ग्रोथ रेट) काफी कम रही है। जुलाई से सितंबर की तिमाही में विकास दर 8.4 फीसदी रही है। जो वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून में 20.1 फीसदी रही थी। हालांकि पिछले साल वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही से तुलना करें तो यह काफी बेहतर है। वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ऋणात्मक 7.4 फीसदी रही थी। आठ औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर अक्टूबर में 7.5 फीसदी रही है, जो पिछले साल इसी माह में 0.5 फीसदी रही थी।

जीडीपी विकास दर विश्लेषकों के अनुमानों के हिसाब से रही है। इंडिया रेटिंग्स ने 8.3 फीसदी जीडीपी की बात कही थी। कृषि क्षेत्र की विकास दर भी 4.5 फीसदी रही है। एचडीएफसी ने अर्थशास्त्रियों के बीच एक सर्वे किया था और उसमें 7 से 8 फीसदी के बीच जीडीपी रहने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि गोल्डमैन सॉक्स ने जीडीपी ग्रोथ 9.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।

नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व बैंक ने देश में डिजिटल करेंसी के विनियमन को लेकर सरकार को एक अहम प्रस्ताव दिया है। रिजर्व बैंक का प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को भी बैंक नोट की परिभाषा में रखा जाए यानी डिजिटल करेंसी को भी 'बैंक नोट' की तरह देखा जाए। इसके लिए आरबीआई ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। सरकार ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है। सरकार की ओर से बताया गया है कि आरबीआई ने अक्टूबर में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) का प्रस्ताव रखा था। अक्टूबर में आरबीआई की तरफ से अधिनियम, 1934 में संशोधन के लिए एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। .

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि आरबीआई ने अक्टूबर में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी का प्रस्ताव रखा था। एक लिखित जवाब में पंकज चौधरी ने बताया कि सीबीडीसी के आने से कई फायदे होंगे, जैसे लोगों की कैश पर निर्भरता कम होगी, ट्रांजैक्शन कॉस्ट कम होने से अधिकार बढ़ेगा, सेटलमेंट का रिस्क कम होगा। मंत्रालय ने कहा कि इससे ज्यादा मजबूत, विश्वसनीय, और लीगल टेंडर पर आधारित पेमेंट ऑप्शन तैयार होगा।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख