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रायपुर: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था किसी भी विपरीत परिस्थिति से जूझने में सक्षम है। जेटली ने सोमवार को रायपुर में आयोजित पहली राष्ट्रीय खनिज संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे विश्व में खनिज क्षेत्र में मंदी का दौर है। खनिज पदार्थों के दाम लगातार गिर रहे हैं। उन्होंने कहा, पूरा विश्व इस क्षेत्र में एक चुनौती पूर्ण माहौल से गुजर रहा है, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है। यहां तक कि जब ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन से अलग हुआ तब इसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ा, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही। भारतीय अर्थव्यवस्था किसी भी विपरीत परिस्थिति से जूझने में सक्षम है। जेटली ने कहा कि उतार-चढ़ाव का यह चक्र लगातार चलते रहता है। उन्होंने कहा कि इस साल बारिश के अच्छे आसार हैं, इससे उम्मीद है कि भारत की विकास दर और तेजी से बढ़ेगी। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो सालों में देश की खनिज नीति में अनेक सकारात्मक बदलाव किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने खदानों के आवंटन में मनमानी की गुंजाईश को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। खदानों के आवंटन में 'पहले आओ पहले पाओ' की नीति को बदल दिया गया है। अब खदान आवंटन की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए नीलामी के माध्यम से खदानों का आवंटन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से परिपूर्ण राज्य है। खनिज इस राज्य की अर्थव्यवस्था का आधार है। नई खनिज नीति से छत्तीसगढ़ को फायदा मिलेगा। यहां मिलने वाले खनिज का राज्य में ही वेल्यू एडिशन होना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भूगर्भ में दबे खनिजों का निरंतर अन्वेषण होना चाहिए, जिससे यह पता चल सके कि किस क्षेत्र में कितना खनिज उपलब्ध है। इसकी पूरी मैपिंग होने से इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इस दौरान जेटली ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दंतेवाड़ा जिले के पांच गांवों मसेनार, बड़ेकमेली, कड़मपाल, नेरली और चोलनार में देश में सबसे पहले प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत स्वीकृत कार्यों का शुभारंभ किया। इस राशि से इन गांवों में 26 करोड़ रुपये की लागत से सड़क, स्कूल, सोलर लाईट और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं का विकास होगा। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, केन्द्रीय खनिज एवं इस्पात मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केन्द्रीय खनिज एवं इस्पात राज्य मंत्री विष्णु देव साय समेत रमन मंत्रिमंडल के सदस्य तथा अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।

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