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नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राजमागो’ निर्माण श्रमिकों को उनके प्रशिक्षण के दौरान 15,000 रुपये का मानदेय (स्टाइपेंड) दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण के दौरान उन्हें होने वाले न्यूनतम मासिक मजदूरी के नुकसान के मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा। इसके पहले चरण में 20,000 श्रमिकों को प्रशिक्षण दिया जाना है। गडकरी ने यह बात यहां मंत्रालय के अधिकारियों, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माता महासंघ और कई प्रशिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों की बैठक में कही। उन्होंने कहा, ‘उनका मंत्रालय प्रत्येक प्रशिक्षु को 15,000 रुपये (न्यूनतम मजदूरी के आधार पर) मानदेय देगा ताकि प्रशिक्षण अवधि में उन्हें होने वाले मेहनताने के नुकसान की भरपाई की जा सके। यह राशि सीधे उनके आधार से जुड़े खाते में हस्तांतरित कर दी जाएगी।’ गडकरी ने विकासकर्ताओं और कौशल प्रशिक्षण संस्थानों से राजामार्ग निर्माण में स्थानीय और बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए आगे आने को कहा साथ ही वर्तमान श्रमिकों के कौशल उन्नयन के लिए भी अनुरोध किया। गडकरी ने कहा कि राजमार्ग के लिए निविदा पाने वाले प्रत्येक ठेकेदार के लिए यह आवश्यक बनाया जाएगा कि परियोजना पर प्रत्येक एक करोड़ के खर्च के लिए वह कम से कम 10 श्रमिकों को प्रशिक्षण प्रदान करे।

इस संबंध में मंत्रालय सभी हितधारकों के साथ सक्रिय विचार-विमर्श कर रहा है ताकि राजमार्ग निर्माण में लगे श्रमिकों और वाणिज्यिक वाहनों के ड्राइवरों के कौशल उन्नयन के कार्यक्रम को अंतिम स्वरूप दिया जा सके। यह कार्यक्रम निजी-सार्वजनिक भागीदारी के आधार पर चलाया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माता महासंघ, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और ओरिजिनल इक्विमेंट मैन्युफैक्चर्स इस कार्यक्रम में प्रमुख भागीदार होंगे। इसके अलावा इंडियन एकेडमी ऑफ हाइवे इंजीनियर्स इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की मुख्य एजेंसी होगी।

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