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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जम्मू-कश्मीर की दो डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (डीबीयू) समेत कुल 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करते हुए कहा कि ये इकाइयां वित्तीय समावेश का विस्तार करेंगी और नागरिकों के बैंकिग अनुभवों को बेहतर बनाएंगी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने वंचितों की सेवा करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत बैंकों को गरीबों के घरों तक पहुंचाने की पहल की है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के तहत अब तक 25 लाख करोड़ रुपये लाभार्थियों तक पहुंचाये जाने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि ‘पीएम किसान' योजना की एक और किस्त कल भेजी जाएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘फिनटेक' देश में वित्तीय समावेशन में आमूलचूल बदलाव लाएगा, वहीं यूपीआई ने भारत के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे खोले हैं और ‘वोकल फॉर लोकल' से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। मोदी ने कहा कि भारत ने ‘फोन बैंकिंग' की जगह ‘डिजिटल बैंकिंग' का उपयोग करते हुए सतत वृद्धि हासिल की है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में देशभर के 75 जिलों में डिजिटल बैंकिंग इकाइयां स्थापित करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां खोली जाएंगी।

इन इकाइयों की शुरुआत के पीछे सोच यह है कि देश के हर एक हिस्से तक डिजिटल बैंकिंग की पहुंच हो। इस पहल में सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंक, निजी क्षेत्र के 12 बैंक और एक लघु वित्त बैंक शामिल हो रहे हैं।

इन डिजिटल बैंकिंग इकाइयों में ग्राहक बचत खाता खोलने, अपने खाते में बची राशि पता करने, पासबुक प्रिंट कराने, पैसे भेजने, सावधि जमा निवेश के अलावा क्रेडिट-डेबिट कार्ड और कर्ज के लिए आवेदन जैसे काम कर सकेंगे।

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