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नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कोविड-19 पर दूसरी वर्चुअल ग्लोबल समिट को संबोधित किया। इस मौके पर पीएम ने कहा कि कोविड महामारी जीवन को बाधित करती है, सप्‍लाई चेन में बाधा पहुंचाती है। पूरी दुनिया ने कोविड महामारी का कहर झेला है। भारत का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि हमने अपने यहां महामारी के खिलाफ जन केंद्रित रणनीति अपनाई। भारत में दुनिया को सबसे बड़ा कोविड टीकाकरण कार्यक्रम चलाया गया। आज हम देश के लगभग 90 फीसदी वयस्‍कों को टीका लगा चुके हैं।

उन्‍होंने कहा कि भारत में, हम अपनी पारंपरिक दवाओं का उपयोग कोविड के खिलाफ अपनी जंग में प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए करते हैं। पिछले माह हमने इस ज्ञान को दुनिया को उपलब्‍ध कराने के इरादे में भारत में पारंपरिक चिकित्‍सा के डब्ल्यूएचओ केंद्र की नींव रखी। अधिक लचीली स्वास्थ्य सुरक्षा संरचना बनाने के लिए डब्ल्यूएचओ में सुधार और मजबूती की जरूरत है। भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों से निपटने के लिए समन्वित वैश्विक उपायों की आवश्यकता है।

कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति ने गुरुवार को वरिष्ठ नेता रानिल विक्रमसिंघे को नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। बताते चलें कि श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) की केवल एक सीट है। गौरतलब है कि श्रीलंका के चार बार प्रधानमंत्री रह चुके विक्रमसिंघे को अक्टूबर 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था। हालांकि दो महीने बाद ही सिरीसेना ने उन्हें इस पद पर बहाल कर दिया था।

सूत्रों के अनुसार विक्रमसिंघे को अंतरिम प्रशासन का नेतृत्व करने के लिए सभी दलों का समर्थन प्राप्त है। उनकी नियुक्ति 6 महीने के लिए हुई है। यूएनपी के अध्यक्ष वी अबेयवारदेना ने विश्वास जताया कि विक्रमसिंघे को नये प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाये जाने के बाद वह बहुमत हासिल कर लेंगे। देश की सबसे पुरानी पार्टी यूएनपी 2020 में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी और यूएनपी के मजबूत गढ़ रहे कोलंबो से चुनाव लड़ने वाले विक्रमसिंघे भी हार गये थे।

कोलंबो: श्रीलंका में जारी संकट के दौरान पूर्व पीएम महिंदा राजपक्षे, सहयोगियों के देश छोड़ने पर श्रीलंकाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर महिंदा राजपक्षे समर्थकों के हमले के बाद देश में हिंसा भड़क उठी थी। महिंदा राजपक्षे के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भी जनता का गुस्सा शांत नहीं हुआ था और प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास टेंपल ट्री में घुस कर आगजनी की थी। इससे बाद एक विशेष हेलीकॉप्टर से पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार को त्रिंकोमाली में एक नौसेना बेस लाया गया था। तब से उन्होंने वहीं पर शरण ले रखी है। यह द्वीपीय देश का उत्तर-पूर्वी भाग है। लेकिन इस नौसेना बेस को भी जनता ने घेर रखा है।

इस बीच महिंदा राजपक्षे के भारत भागने की अफवाह भी उड़ी थी जिसके बाद श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को स्थायी सोशल मीडिया में आयी उन खबरों को ‘‘फर्जी और बिल्कुल गलत'' करार दिया था, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार के सदस्यों के भारत भाग जाने की अटकलें लगायी गई थीं।

प्योंगयांग: उत्तर कोरिया ने कोरोना संक्रमण के पहले केस की पुष्टि की है और इसके साथ ही देशव्यापी लॉकडाउन का एलान भी कर दिया है। इस लॉकडाउन को तानाशाह किम जोंग उन ने 'सीरियस इमरजेंसी' का नाम दिया है। इससे पहले उत्तर कोरिया ने अब तक यह मानने से इनकार कर दिया था कि उसके यहां कोरोना का कोई केस मिला है। लेकिन अब खुद ही केस की पुष्टि की है और पाबंदियों का भी ऐलान कर दिया है। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि उत्तर कोरिया में पहले भी कोरोना संक्रमण के काफी केस मिले थे। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने बताया कि प्योंगयांग में पाए गए मरीज में बुखार के लक्षण थे और जांच के बाद ओमिक्रॉन बीए.2 वैरिएंट की पुष्टि हुई है।

किम जोंग उन ने गुरुवार को वरिष्ठ अधिकारियों की मीटिंग बुलाई थी और फिर कोरोना संकट से निपटने के लिए लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। किम जोंग उन ने आदेश दिया कि सभी शहरों में लॉकडाउन लगाया जाए और पाबंदियों का पालन किया जाए।

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