नई दिल्ली: समाचार नेटवर्क अल जज़ीरा ने इज़रायल पर एक बड़ा आरोप लगाया है। बुधवार को अपनी एक विज्ञप्ति में चैनल ने कहा कि इजरायली सेना ने अल जज़ीरा की रिपोर्टर शीरीन अबु अक्लेह को "सोची समझी साज़िश" में मारा, जब वो फिलिस्तीन की सीमा में काम कर रही थी। अल जज़ीरा ने कहा, "साफ तौर से एक हत्या में, अंतरराष्ट्रीय कानून और नियमों का उल्लंघन कर, इजरायली ऑक्यूपेशन सेना ने सोची समझी साजिश के तहत अल जज़ीरा की पत्रकार को फलिस्तीन में मार डाला। अल ज़जीरा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वो इज़रायली सेना को जानबूझ कर टार्गेट करने और हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराएं।"
फलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी 51 साल की अबु अक्लेह को मृत घोषित कर दिया। वह अल जज़ीरा की अरबी समाचार सेवा का प्रमुख चेहरा थीं। इजरायली सेना ने पुष्टि की कि उसने बुधवार सुबह जेनिन रिफ्यूजी कैंप में सैन्य ऑपरेशन चलाया था जो उत्तरी वेस्ट बैंक में फलिस्तीन के हथियारबंद समूहों का ठिकाना है।
साथ ही में इजरायल ने कहा कि संदिग्धों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हुई और वह इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या पत्रकार घायल हुए थे, शायद फलिस्तीनी गोलीबारी में।"
इजरायल और फलिस्तीन के बीच तनाव पिछले दिनों बढ़ गया था। इजरायल ने अब तक 22 मार्च से कई हमले किए हैं, जिनमें 10 लोग मारे गए हैं, जिनमें एक अरह इजरायली पुलिस अफसर और दो यूक्रेनी भी शामिल हैं।
इजरायली सेना ने जेनिस के नागिरकों पर हुए कुछ हमलों का आरोप लगाया और इस इलाके में अपना सैन्य अभियान तेज कर दिया। मीडिया रिर्पोटस के अनुसार, कुल 30 फलिस्तीनी और 3 अरब नागरिक इस दौरान मारे गए हैं। इसमें उन हमलों के योजनाकार भी शामिल हैं, जिन्होंने पश्चिमी बैंक के ऑपरेशन में इजरायली सुरक्षा बलों को मारा था।
अप्रेल के आखिर में खबर आई थी कि फलिस्तीनी और इज़रायली पुलिस के बीच येरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद में ताजा झड़पें हुई। शुक्रवार को हुई इन झड़पों में 42 लोग घायल हुए हैं। फलिस्तीन की रेड क्रॉस संस्था ने बताया था कि इस जगह पर काफी समय से तनाव बना हुआ था। मुस्लिमों के पाक महीने रमज़ान के आखिरी शुक्रवार को यह झड़प हुई। रेड क्रॉस ने बताया कि सभी खतरे से बाहर हैं, लेकिन 22 को अस्पताल ले जाया गया।